
मुस्लिम महिला का हिजाब खींचते सीएम नीतीश कुमार।
Nitish Kumar Hijab Controversy: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मुस्लिम डॉक्टर नुसरत परवीन का हिजाब खींचने की घटना और इसे जायज ठहराने वाले बयानों पर मौलाना महमूद मदनी ने प्रतिक्रिया दी है। मौलाना ने हिजाब खींचने की घटना पर नीतीश की निंदा करते हुए बिना शर्त माफी मांगने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने यह चिंता जताई कि इतने बड़े संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की ओर से हिजाब खींचने की घटना से निचले अधिकारियों और अन्य लोगों का मनोबल बढ़ेगा। इससे मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ आक्रामक रवैया और उन्हें अपमानित करने की घटनाएं भी बढ़ेंगी।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हिजाब सिर्फ एक कपड़े का मामला नहीं है, बल्कि यह देश के संविधान द्वारा दिए गए धार्मिक और मौलिक अधिकारों से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि महिलाएं सार्वजनिक स्थान पर अपनी गरिमा और सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती हैं। ऐसे में इतने बड़े संवैधानिक पद पर बैठे शख्स द्वारा हिजाब खींचने पर महिलाओं और विशेषकर मुस्लिम महिलाओं की चिंताएं और बढ़ जाएंगी।
मौलाना महमूद मदनी ने चिंता जताते हुए कहा कि हिजाब खींचने की घटना के बाद आशंका है कि मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ निचले अधिकारी और कर्मचारी मुख्यमंत्री से भी ज्यादा अपमानजनक रवैया अपना सकते हैं। मुख्यमंत्री द्वारा हिजाब खींचने की घटना से पूरे मुल्क को ठेस पहुंची है।
दरअसल, 15 दिसंबर को पटना स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग ने एक आयोजन रखा था। इसमें आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांटे गए। यहां आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन भी नियुक्ति पत्र लेने आईं थीं। मुख्यमंत्री नीतीश ने डॉ. नुसरत परवीन को नियुक्ति पत्र देते वक्त उनका हिजाब हटाया था। इसके बाद मुस्लिम समाज में आक्रोश बढ़ा और मुख्यमंत्री नीतीश से माफी की मांग की जा रही है।
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नीतीश कुमार के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में मामला भी दर्ज कराया गया है। जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, महाराष्ट्र और यूपी में लोगों ने थाने में शिकायत दी है। कई बड़े मुस्लिम नेताओं ने नीतीश से माफी मांगने की मांग की है।






