
डीजीपी के समक्ष सरेंडर करता नक्सली। इमेज-सोशल मीडिया
Naxali Surrender: बिहार में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। रविवार को मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर स्थित एक कॉलेज मैदान में आयोजित समर्पण समारोह में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के तीन सक्रिय नक्सलियों ने बिहार पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। सरेंडर करने वालों में दो नक्सली ऐसे हैं जिन पर सरकार ने 3-3 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार के समक्ष नक्सली नारायण कोडा, बहादुर कोडा, विनोद कोडा ने हथियार डाल दिए।
नारायण PLGA का जोनल कमांडर था। राज्य सरकार ने इसकी गिरफ्तारी पर 3 लाख रुपये का इनाम रखा था। इसके खिलाफ मुंगेर, लखीसराय और जमुई जिले में लगभग दो दर्जन मामले दर्ज हैं।
बहादुर सब-जोनल कमांडर (PLGA) के पद पर सक्रिय था। इस पर 3 लाख रुपये का इनाम था। इस पर भी 2 दर्जन के करीब संगीन मामले दर्ज हैं।
विनोद सशस्त्र दस्ते का सदस्य है। इसके खिलाफ लखीसराय जिले में 3 मामले दर्ज हैं।
बिहार पुलिस के अनुसार सरेंडर के दौरान नक्सलियों ने काफी संख्या में हथियार और गोला-बारूद भी सौंपे। इसमें 5.56 एमएम की दो INSAS राइफल, 7.62 एमएम की चार SLR राइफल, 5.56 एमएम की 150 राउंड कारतूस, 7.62 एमएम की 353 राउंड कारतूस और बम/ बम डेटोनेटर के साथ अन्य सामान शामिल हैं।
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सरकार की आत्मसमर्पण सह पुनर्वास नीति के तहत इन तीनों नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए आर्थिक सहायता दी गई है। बिहार पुलिस की तरफ से जारी प्रेस नोट के अनुसार प्रत्येक नक्सली को 2.5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है। इसके साथ ही इनामी नक्सलियों के परिवार को 3 लाख रुपये की इनामी राशि मिलेगी। बिहार पुलिस के मुताबिक रोजगारपरक प्रशिक्षण के लिए 36 महीनों तक 10,000 रुपये प्रति महीने (कुल 3.6 लाख) भी दिए जाएंगे। सरेंडर के दौरान जो हथियार इन्होंने दिए हैं, उनके बदले में 1.11 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। इसके अलावा सरेंडर करने वाले नक्सलियों को आवास, राशन, आयुष्मान स्वास्थ्य योजना, शिक्षा और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।






