तेजस्वी यादव व जीतन राम मांझी (डिजाइन फोटो)
पटना: तकरीबन महीने भर पहले एनडीए और बीजेपी को बिहार में ‘औकात’ दिखाने की बात करने वाले हम मुखिया जीतन राम मांझी के तेवर बीजेपी के एक ही दांव के बाद नरम पड़ गए हैं। अब उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार की तरफ से बैटिंग करनी शुरू कर दी है। मांझी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा नीतीश कुमार पर किए गए हमले का करारा जवाब भी दिया है।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है। मांझी ने कहा है कि ‘तेजस्वी यादव युवा होने के बावजूद किसी कबाड़ से कम नहीं हैं, वो सिर्फ बातें करते हैं। वो किसी आंदोलन की उपज नहीं हैं। उनके पास अनुभव की कमी है।
हम मुखिया ने कहा कि नीतीश कुमार को आज बिहार का चाणक्य कहा जाता है, वो 20 साल से राज कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने लालू यादव को मौका दिया था। अगर वो मौका नहीं देते तो तेजस्वी यादव आज आगे नहीं होते।’ मांझी का ये बयान उनके तेवरों में आई नरमी का नतीजा बताया जा रहा है।
तेजस्वी द्वारा उन्हें खटारा गाड़ी कहने पर मांझी ने कहा कि ‘उनकी मानसिकता गड़बड़ है। उनके पिता कबाड़ हैं। क्या उन्हें हालत नहीं दिखती? नीतीश कुमार ने सिर्फ प्रगति यात्रा निकालने का काम किया है। वो अब स्वस्थ हैं। उनके लोग खटारा थे, जो नाम लेकर जुमलेबाजी करते थे।’ मांझी ने कहा कि ‘एनडीए में पांचों पांडव मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हम 225 सीटें जीतेंगे। नीतीश कुमार फिर से बिहार के सीएम बनेंगे।’
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तेजस्वी के इस बयान पर कि उन्होंने नीतीश कुमार को दो बार सीएम बनाया, मांझी ने कहा कि ‘जब नीतीश कुमार सीएम बने थे, तब तेजस्वी यादव कबड्डी खेल रहे थे। क्या वे राजनीति में थे? वे अपने पिता के बल पर नेता बने। अगर उनके पिता सीएम नहीं होते, तो शायद वे आज क्रिकेट खेल रहे होते। राजनीति में उनका कोई योगदान नहीं है।’
आपको बता दें कि बीते कल एक जनसभा में आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा था कि बिहार की सरकार खटारा सिस्टम नाकारा मुख्यमंत्री थका हारा आम आदमी बेचारा फिरे मारा मारा! पर अब और नहीं!
वहीं, झारखंड और दिल्ली चुनाव में बीजेपी से तवज्जो न दिए जाने पर जीतन राम मांझी ने कहा था कि झारखंड और दिल्ली में हमारे साथ जो भी हुआ बर्दाश्त कर गए। लेकिन बिहार में हम दिखा देंगे की हमारी औकात क्या है? फिर क्या था कि बिहार में हालिया कैबिनेट विस्तार में बेटे संतोष सुमन से दो पोर्टफोलियों छिन गए। जिसके बाद कहा जा रहा है कि मांझी के तेवर नरम पड़ चुके हैं।