कांग्रेस बिहार में बेरोजगारी और पलायन के खिलाफ आज से पदयात्रा करेगी
पटना : जहां एक तरफ कांग्रेस की युवा और छात्र शाखाओं ने बीते 10 मार्च सोमवार को घोषणा की थी कि वे इस सप्ताह के अंत में बिहार भर में ‘पदयात्रा’ शुरू करेंगे, ताकि राज्य में बेरोजगारी और पलायन के मुद्दों को उजागर किया जा सके। यह घोषणा एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार और युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अल्लावरु द्वारा ऐतिहासिक सदाकत आश्रम (बिहार कांग्रेस का मुख्यालय) में की गई थी। यह ‘पलायन रोको, नौकरी दो पदयात्रा’ अब आज 16 मार्च को शुरू होगी।
जानकारी दें कि, कन्हैया कुमार इस यात्रा में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। वहीं राहुल गांधी के दो बार इस यात्रा में शामिल होने की संभावना है। तेजस्वी यादव का भी मुख्य मुद्दा रोजगार और पलायन है। वहीं जारी चुनावी साल में कांग्रेस का सक्रिय होना महागठबंधन के अंदरूनी समीकरणों को भी अब प्रभावित कर रहा है। माना जा रहा है कि बिहार में कांग्रेस अब ‘रेस वाले घोड़ों’ पर दांव लगाने के लिए कमर कस चुकी है। शायद यही वजह से है कि राबड़ी एंड लालू आवास वेट एंड वॉच वाली कंडिशन में ही बैठा हुआ है।
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इस बाबत जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और बिहार के मूल निवासी कुमार ने कहा था कि ‘पलायन रोको, नौकरी दो पदयात्रा’ 16 मार्च को पश्चिमी चंपारण जिले के भितिहरवा से शुरू होगी, जहां महात्मा गांधी ने नील की खेती करने वाले किसानों के ‘सत्याग्रह’ का सफलतापूर्वक नेतृत्व करने के तुरंत बाद एक स्कूल की स्थापना की थी।
कुमार ने यह भी कहा था कि, ‘‘राज्य के सभी जिलों को कवर करने के बाद पदयात्रा पटना में समाप्त होगी।” उन्होंने कथित अनियमितताओं को लेकर प्रतियोगी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे बिहार लोक सेवा आयोग के उम्मीदवारों पर हाल ही में हुए लाठीचार्ज के लिए राज्य की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की आलोचना की।
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इस बाबत कांग्रेस के बिहार प्रभारी अल्लावरु ने कहा था कि, ‘‘शिक्षा प्रणाली में सुधार किए बिना राज्य का विकास नहीं हो सकता। तीन साल के डिग्री कोर्स में यहां पांच साल लगते हैं। कॉलेजों की हालत इतनी खराब है कि 25,000 छात्रों के लिए केवल 10 शिक्षक हैं।”
अल्लावरु ने यह भी कहा था कि, ‘‘राज्य सरकार की वेबसाइट के अनुसार, बिहार से लगभग 2.90 करोड़ युवा अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और नौकरियों के लिए देश के अन्य हिस्सों में पलायन करने के लिए मजबूर हैं। हम उन सभी लोगों से पदयात्रा में शामिल होने का आह्वान करते हैं, जिन्हें व्यवस्था ने विफल कर दिया है।”