दरौली विधायक सत्यदेव राम गिरफ्तार, फोटो- सोशल मीडिया
Bihar Election: बिहार चुनाव के बीच, सीवान की दरौली सीट से सीपीआई-माले विधायक सत्यदेव राम की गिरफ्तारी ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। महागठबंधन में सीट बंटवारे से पहले नामांकन करने पहुंचे विधायक को पुलिस ने 20 साल पुराने मामले में अचानक गिरफ्तार कर लिया। इस अचानक हुई कार्रवाई से माले विधायक खुद भी हैरान रह गए।
बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच, यह बड़ी खबर सीवान जिले की दरौली विधानसभा सीट से सामने आई है। महागठबंधन में अभी तक सीटों के बंटवारे का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन ग्रैंड अलायंस की सहयोगी सीपीआई-माले ने पहले ही अपने 18 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। मंगलवार (14 अक्टूबर 2025) को माले के 6 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन भी दाखिल किया।
नामांकन दाखिल करने वाले इन 6 उम्मीदवारों में दरौली से विधायक सत्यदेव राम भी शामिल थे। विधायक सत्यदेव राम ने चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत सभी आवश्यक कागजातों के साथ अपना नामांकन भरा। लेकिन जैसे ही वह नामांकन कर बाहर निकले, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने यह कार्रवाई सोनपुर रेलवे कोर्ट द्वारा जारी वारंट के आधार पर की। जानकारी के मुताबिक, विधायक की गिरफ्तारी साल 2005 के रेल रोको आंदोलन से जुड़े एक पुराने मामले को लेकर की गई है। बताया जा रहा है कि यह मामला दरौंदा रेलवे स्टेशन पर बिना अनुमति के किए गए ‘रेल रोको आंदोलन‘ से संबंधित था। इस संबंध में रेलवे थाना में मामला दर्ज किया गया था, और सोनपुर रेलवे कोर्ट के एसीजेएम ने इस प्रकरण में विधायक के खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया था।
विधायक सत्यदेव राम ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने अचानक हुई इस गिरफ्तारी पर हैरानी जताई। नामांकन के दौरान माले विधायक की गिरफ्तारी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।
माले के राज्य सचिव कुणाल ने विधायक सत्यदेव राम की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि यह गिरफ्तारी सरकार के इशारे पर की गई है और यह राजनीतिक दबाव का नतीजा है। माले के जिन अन्य प्रत्याशियों ने मंगलवार को नामांकन दाखिल किया, उनमें पालीगंज से संदीप सौरभ, अरवल से महानंद सिंह, आरा से कयामुद्दीन अंसारी, जीरादेई से अमरजीत कुशवाहा और दरौंदा से अमरनाथ यादव शामिल हैं।