राहुल-तेजस्वी का अतिपिछड़ों पर बड़ा दांव (फोटो- सोशल मीडिया)
Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। अतिपिछड़ा वर्ग को साधने की कवायद में महागठबंधन आज एक बड़ा धमाका करने की तैयारी में है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव आज पटना में एक साथ मिलकर अतिपिछड़ों के लिए कई अहम घोषणाएं कर सकते है। इस ऐलान का मुख्य फोकस अतिपिछड़ा समुदाय को आरक्षण और जातीय जनगणना जैसे संवेदनशील मुद्दों पर लुभाना है, जिससे चुनावी समीकरण साधने में मदद मिल सके।
आज होने वाली घोषणाओं में सबसे प्रमुख वादा सरकार बनने पर आरक्षण की सीमा को 65 फीसदी तक बढ़ाना है। महागठबंधन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि इस बढ़ी हुई सीमा में अतिपिछड़ा वर्ग को पूरी और मुकम्मल भागीदारी मिले। इसके साथ ही, इस बढ़े हुए आरक्षण को संवैधानिक कवच पहनाने का भी वादा किया जाएगा। इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की घोषणा होगी ताकि भविष्य में इसे किसी भी अदालत में चुनौती न दी जा सके और यह खारिज न हो पाए।
महागठबंधन इस बार अपनी चुनावी रणनीति को एक नए अंदाज में पेश कर रहा है। पूरे घोषणा पत्र को एक साथ जारी करने के बजाय इसे किस्तों में जनता के सामने लाया जाएगा। आज अतिपिछड़ों के लिए होने वाला ऐलान इसी रणनीति का पहला हिस्सा है। इस कदम से महागठबंधन चुनाव तक लगातार चर्चा में बने रहना चाहता है और हर वर्ग को यह संदेश देना चाहता है कि उनके लिए खास योजनाएं बनाई गई हैं। पटना में अतिपिछड़ों का एक बड़ा जुटान कर इस घोषणा को और प्रभावी बनाने की भी तैयारी है।
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अतिपिछड़ों के लिए इन बड़ी घोषणाओं को अंतिम रूप देने के लिए मंगलवार को तेजस्वी यादव के आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। करीब ढाई घंटे तक चली इस बैठक में महागठबंधन के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इसमें बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, राजद सांसद संजय यादव, सीपीआई माले के सांसद सुदामा प्रसाद, पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता और वीआईपी के नुरूल होदा जैसे बड़े चेहरे शामिल हुए थे। इसी बैठक में घोषणाओं के हर पहलू पर गहन विचार-विमर्श किया गया।