राजेश राम, फोटो- सोशल मीडिया
Congress Raises Questions on Bihar SIR: कांग्रेस ने आयोग के सामने पांच ठोस मांगें रखी हैं, जिनका जवाब जनता के हित में दिया जाना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि एसआईआर के तहत मतदाता सूची में सुधार की कवायद तो शुरू की गई है, लेकिन इसमें कई अनियमितताएं सामने आई हैं।
राजेश राम ने कहा कि बिहार की धरती पर आए चुनाव आयोग का कांग्रेस स्वागत करती है, लेकिन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपनी वोटर अधिकार यात्रा और विभिन्न मंचों से मतदाता सूची में गड़बड़ियों के जो तथ्य रखे हैं, उनका जवाब आयोग को देना चाहिए।
राजेश राम ने कहा कि पार्टी की ओर से आयोग से पांच प्रमुख सवाल किए गए हैं। पहला सवाल यह है कि 30 सितंबर को जारी सूची में पलायन कर चुके लोगों के कितने नाम काटे गए हैं। इसकी सूचीबद्ध जानकारी आयोग को सार्वजनिक करनी चाहिए। दूसरा सवाल यह है कि फॉर्म-6 के माध्यम से जो 21 लाख 53 हजार नए नाम जोड़े गए हैं, उनमें मतदाताओं की उम्र का ब्योरा क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर 70-75 वर्ष के बुजुर्गों के नाम नए मतदाता के रूप में दर्ज किए गए हैं, जो गहन जांच की मांग करते हैं।
तीसरा सवाल महिलाओं के नामों से जुड़ा है। कांग्रेस ने आयोग से पूछा है कि नई सूची में कितनी महिलाओं के नाम हटाए गए और कितने जोड़े गए, और इसके पीछे क्या कारण हैं। चौथा सवाल उन लोगों से संबंधित है जिनकी मृत्यु हो चुकी है। कांग्रेस ने कहा कि मृत व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में बने रहना गंभीर लापरवाही है और आयोग को इस पर पूरी रिपोर्ट देनी चाहिए।
पांचवीं और सबसे अहम मांग यह है कि चुनाव आयोग स्पष्ट करे कि उसने अब तक कितने घुसपैठियों को चिन्हित किया है, क्योंकि आयोग ने पहले दावा किया था कि एसआईआर का मकसद मतदाता सूची से घुसपैठियों के नाम हटाना है।
राजेश राम ने कुछ उदाहरण देते हुए कहा कि एक ही महिला अकीला बानो के दो अलग-अलग एपिक नंबर हैं, जबकि एक व्यक्ति सुधांशु कुमार का भी नाम दो बार सूची में दर्ज है। उन्होंने कहा, “अगर यही गहन पुनरीक्षण है तो फिर मतदाता सूची में सुधार कैसे होगा?”
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कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने साक्ष्यों के साथ वोट चोरी का मुद्दा उठाया था, लेकिन आज तक चुनाव आयोग ने उस पर कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठ चुके हैं और देशवासियों का भरोसा कमजोर हो रहा है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि चुनाव आयोग को पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि देश के लोकतंत्र पर लोगों का भरोसा बना रहे।