पहचे चरण में बिहार ने रच दिया इतिहास (फोटो- सोशल मीडिया)
Bihar Election Phase 1 Voter Turnout: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। चुनाव आयोग के अनुसार, राज्य में इस बार इतिहास का सबसे अधिक मतदान 64.66% दर्ज किया गया। पूरे बिहार में मतदान उत्सव के रूप में मनाया गया, जिसे चुनाव आयोग ने ‘चुनाव का पर्व – बिहार का गर्व’ का नाम दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने पूरे मतदान प्रक्रिया की निगरानी लाइव वेबकास्टिंग के माध्यम से की। यह पहली बार था जब बिहार की 100% मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई।
चुनाव आयोग के नियंत्रण कक्ष (Control Room) से स्वयं CEC ज्ञानेश कुमार ने जिलों के डीईओ और प्रेसीडिंग ऑफिसर्स से लगातार संवाद बनाए रखा ताकि मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके। इस चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। कुल मतदाता संख्या 3.75 करोड़ से अधिक रही। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बिहार चुनाव की सराहना हुई। अंतरराष्ट्रीय चुनाव पर्यवेक्षक कार्यक्रम (IEVP) के तहत दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस, बेल्जियम और कोलंबिया के 16 प्रतिनिधियों ने मतदान प्रक्रिया का अवलोकन किया और इसे दुनिया के सबसे पारदर्शी, सुव्यवस्थित और सहभागी चुनावों में से एक बताया।
Press Note
06.11.2025 pic.twitter.com/QqN9w4cR8V — Chief Electoral Officer, Bihar (@CEOBihar) November 6, 2025
इस चरण के लिए 4 लाख से अधिक चुनावी कर्मी कल रात 11:20 बजे तक अपने-अपने मतदान केंद्रों पर पहुंच गए थे। 1,314 प्रत्याशियों द्वारा नियुक्त 67,902 पोलिंग एजेंटों की उपस्थिति में सभी 45,341 मतदान केंद्रों पर मतदान समय पर शुरू हुआ। महिला मतदाताओं की सुविधा के लिए 90,000 से अधिक जीविका दीदियों और एक CAPF कर्मी को प्रत्येक मतदान केंद्र पर तैनात किया गया ताकि पर्दानशीन महिलाओं की पहचान सुनिश्चित की जा सके।
EVM पर प्रत्याशियों की रंगीन तस्वीरें लगाई गईं।
मोबाइल डिपॉजिट सुविधा मतदान केंद्रों पर उपलब्ध कराई गई।
वोटर सूचना पर्ची (VIS) को नया डिजाइन दिया गया, जिससे पढ़ना आसान हुआ।
प्रत्येक मतदान केंद्र पर 1,200 तक मतदाताओं के लिए व्यवस्था की गई ताकि भीड़ कम हो सके।
व्हीलचेयर और ई-रिक्शा सुविधा से दिव्यांग मतदाताओं की मदद की गई।
| लोकसभा चुनाव (1951–2024) | मतदान प्रतिशत (%) | विधानसभा चुनाव (1951–2020) | मतदान प्रतिशत (%) |
|---|---|---|---|
| 1951-52 | 40.35 (न्यूनतम) | 1951-52 | 42.6 (न्यूनतम) |
| 1957 | 40.65 | 1957 | 43.24 |
| 1962 | 46.97 | 1962 | 44.47 |
| 1967 | 51.53 | 1967 | 51.51 |
| 1971 | 48.96 | 1969 | 52.79 |
| 1977 | 60.76 | 1972 | 52.79 |
| 1980 | 51.87 | 1977 | 50.51 |
| 1984 | 58.8 | 1980 | 57.28 |
| 1989 | 60.24 | 1985 | 56.27 |
| 1991 | 60.35 | 1990 | 62.04 |
| 1996 | 59.45 | 1995 | 61.79 |
| 1998 | 64.6 (सर्वाधिक) | 2000 | 62.57 (सर्वाधिक) |
| 1999 | 61.48 | 2005 (फरवरी) | 46.5 |
| 2004 | 58.02 | 2005 (अक्टूबर) | 45.85 |
| 2009 | 44.47 | 2010 | 52.73 |
| 2014 | 56.26 | 2015 | 56.91 |
| 2019 | 57.33 | 2020 | 57.29 |
| 2024 | 56.28 | — | — |
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प्रेसीडिंग ऑफिसर्स ने मतदान समाप्त होने के बाद स्थल छोड़ने से पहले ही नवीनतम मतदान प्रतिशत अपडेट किया, जिससे परिणाम अपलोड में न्यूनतम विलंब हुआ। इस बार का बिहार विधानसभा का चुनाव का पहला चरण एतिहासिक रहा है। महिलाओं की भागीदारी भी जबरजस्त रही है।