जीतन राम मांझी और चिराग पासवान, फोटो- सोशल मीडिया
Bihar Assembly election 2025: बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर मामला लगातार उलझता जा रहा है और तकरार गहरा गई है। गठबंधन में सब कुछ सामान्य नहीं दिख रहा है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM), चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के खिलाफ दो महत्वपूर्ण सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
बिहार में एनडीए गठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर पिछले कई दिनों से मंथन चल रहा था, लेकिन आपसी सहमति नहीं बन पाई थी। इस बीच, बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में 72 प्रत्याशियों के नाम जारी कर दिए हैं। हालांकि बीजेपी ने भले ही अपनी पहली सूची जारी कर दी हो, सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे पर सब कुछ सामान्य नहीं दिख रहा है।
केंद्रीय मंत्री और HAM के नेता जीतन राम मांझी ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी बोधगया और मखदुमपुर सीटों पर चिराग पासवान के उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्रत्याशी खड़े करेगी। सीट शेयरिंग के तहत ये दोनों सीटें चिराग पासवान की पार्टी को दी गई हैं। इस विवाद की मुख्य जड़ मखदुमपुर सीट है, जो पहले जीतन राम मांझी की सीट रही है।
एनडीए में सीटों के वितरण के तहत, सत्तारूढ़ गठबंधन के दो प्रमुख सहयोगी दलों बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड ने इस बार 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यह संख्या 2020 के चुनाव से कुछ कम है। शेष 41 सीटों का बंटवारा अन्य घटक दलों के बीच किया गया है। इसमें से चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को सबसे ज्यादा 29 सीटें दी गईं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को छह-छह सीटें मिली हैं।
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सीट बंटवारे से जुड़ी एक अन्य अहम खबर में, बीजेपी ने मंगलवार (ढाई बजे के करीब) को जब लिस्ट जारी की, तो तारापुर सीट से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को टिकट दे दिया। पहले यह कहा जा रहा था कि बीजेपी यह सीट सहयोगी जनता दल यूनाइटेड के लिए छोड़ देगी।
सीट बंटवारे पर तकरार के बावजूद, केंद्रीय मंत्री मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर गठबंधन का साथ देने का भाव दर्शाया है। उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी पार्टी को कम सीटें मिली हैं, जिससे उनके कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर हुआ है और घोर असंतोष व्याप्त है। हालांकि, मांझी ने स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह नहीं है कि वे बिहार को “जंगलराज की ओर धकेल दें”। उन्होंने कहा कि बिहार के लिए, बिहारियत के लिए, और बिहारियों के मान-सम्मान के लिए HAM पूरी तरह से तैयार है, और उनका निष्कर्ष है: “जीतेगा का NDA, बना रहेगा बिहार का सम्मान”।