नीतीश के 'मिशन 225' पर अमित शाह का ब्रेक (फोटो- सोशल मीडिया)
BJP-JDU Alliance Bihar Election Target: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ‘225 पार’ का नारा बुलंद कर रही है, वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस लक्ष्य में बड़ी कटौती कर दी है। अमित शाह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को 160 से ज्यादा सीटें जीतकर एनडीए की सरकार बनाने का नया लक्ष्य दिया है। शाह के इस बयान के तमाम तरह के मायनों के साथ बिहार के सियासी गलियारों में हलचल है और सवाल उठने लगे हैं कि क्या एनडीए के शीर्ष नेतृत्व में सीटों को लेकर सब कुछ ठीक नहीं है?
पिछले एक साल से बिहार एनडीए के सभी नेता एकजुट होकर ‘2025 में 225 और फिर से नीतीश’ के नारे को दोहरा रहे थे। इसकी नींव 28 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री आवास पर हुई एनडीए की बैठक में रखी गई थी, जिसकी अध्यक्षता खुद नीतीश कुमार ने की थी। इसके बाद जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने 220 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया था। 25 नवंबर 2024 को एनडीए के सभी घटक दलों ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस लक्ष्य पर अपनी मुहर लगाई थी।
एनडीए का संकल्प है – विकास, सुशासन और जनसेवा! आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर पटना स्थित जद (यू) प्रदेश कार्यालय में एनडीए गठबंधन के सभी घटक दलों के माननीय प्रदेश अध्यक्षों ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया। प्रेस वार्ता में एनडीए की तैयारियों और आगामी चुनाव में 225 सीटों… pic.twitter.com/37euAuF18H — BJP Bihar (@BJP4Bihar) November 25, 2024
अमित शाह ने अररिया के फारबिसगंज में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अचानक इस लक्ष्य को बदल दिया। माना जा रहा है कि खुफिया रिपोर्ट, सर्वे और जमीनी फीडबैक के आधार पर बीजेपी ने अपनी रणनीति में यह बदलाव किया है। शाह ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि इस बार बिहार के लोगों को चार दिवाली मनानी है, जिसमें चौथी दिवाली 160 से ज्यादा सीटों के साथ NDA-BJP की सरकार बनाकर मनेगी। उनके इस बयान ने JDU के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर एक तरह से लगाम लगा दी है।
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एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर अमित शाह ने साफ किया कि नवरात्र के बाद इसकी घोषणा कर दी जाएगी। वहीं, चुनाव आयोग भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार 4 अक्टूबर को दो दिवसीय दौरे पर पटना आ रहे हैं, जहां वे चुनावी तैयारियों की अंतिम समीक्षा करेंगे। पूरी संभावना है कि उनके लौटते ही अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा। अब देखना यह है कि इन बातों का आखिरी परिणाम क्या निकलता है।