‘माउंटेन मैन’ दशरथ मांझी और राहुल गांधी, फोटो- सोशल मीडिया
Bihar Assembly Election 2025: ‘माउंटेन मैन’ दशरथ मांझी के पुत्र भागीरथ मांझी ने कांग्रेस नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में टिकट दिए जाने का भरोसा दिलाया गया, लेकिन उन्हें धोखा मिला। भागीरथ ने यह भी कहा कि राहुल गांधी से मुलाकात न हो पाने के कारण उन्हें टिकट नहीं मिला।
‘माउंटेन मैन’ दशरथ मांझी के पुत्र भागीरथ मांझी ने कांग्रेस नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं, खासकर बिहार चुनाव में टिकट वितरण को लेकर। उन्होंने कहा कि उन्हें टिकट की उम्मीद थी और वह चार दिन तक दिल्ली में रहे। भागीरथ मांझी ने कहा कि उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि टिकट मिलेगा, लेकिन सबको टिकट बांट दिया गया और हमें धोखा मिल गया। टिकट नहीं मिलने के बाद वह वापस लौट आए।
भागीरथ मांझी ने बताया कि जब वह टिकट के संबंध में दिल्ली गए थे, तो राहुल गांधी विदेश में थे, इसलिए उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। उन्हें लगता है कि अगर राहुल गांधी से मुलाकात हो जाती तो शायद टिकट मिल जाता।
भागीरथ मांझी ने राहुल गांधी के साथ अपनी पिछली मुलाकातों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उनकी मुलाकात पटना में राहुल गांधी से दो बार हुई थी। उन्होंने राहुल गांधी को अपने पिता द्वारा 22 साल में बनाए गए रास्ते को देखने के लिए आमंत्रित किया था।
भागीरथ मांझी के अनुसार, राहुल गांधी उनके गांव आए, उनके साथ बैठे, नारियल का पानी पिया और घाटी का रास्ता देखा। लौटते समय राहुल गांधी ने उनका घर बनवाने को कहा, और कुछ दिन बाद मजदूर आए और उनका घर बना दिया गया। हालांकि, उन्होंने दुख जताया कि घर बनने के बाद राहुल गांधी या कांग्रेस का कोई नेता हालचाल पूछने नहीं आया।
भागीरथ मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि उनके पिता के अधूरे कामों को नीतीश कुमार ने पूरा किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने सड़क, स्कूल, अस्पताल और थाना बनवाया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि उनके पिता की मृत्यु के समय नीतीश कुमार ने वादा किया था कि वह बाबा का अधूरा काम पूरा करेंगे, और उन्होंने अपना वादा निभाया भी।
राजनीतिक रुझानों पर पूछे गए सवाल पर मांझी ने कहा कि वह किसी से नाराज नहीं हैं न नीतीश कुमार से, न जीतनराम मांझी से। उन्होंने कहा कि जिसकी हवा रहेगी, उसी को वोट मिलेगा, और जनता का निर्णय ही तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा।
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मांझी ने अंत में गया और आसपास के इलाकों की प्रमुख समस्याओं को उजागर किया, जैसे कि गरीबी और बेरोजगारी। उन्होंने कहा कि इलाके में रोजगार नहीं है, कॉलेज नहीं हैं, न ही कारखाने हैं। उन्होंने सवाल किया कि गरीबों के बच्चे कहां काम करेंगे।