बथनाहा विधानसभा सीट (डिजाइन फोटो)
Bathnaha Assembly Constituency Profile: पिछले 15 वर्षों से भाजपा का गढ़ बनी बथनाहा विधानसभा सीट अब चौथी बार जीत की ओर बढ़ रही है, लेकिन विपक्षी INDIA गठबंधन भी इस बार मुकाबले को दिलचस्प बनाने की कोशिश में जुटा है।
बथनाहा विधानसभा सीट पर भाजपा ने लगातार तीन बार जीत दर्ज कर हैट्रिक बनाई है। हर बार पार्टी ने भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की, जिससे यह सीट भाजपा के लिए सुरक्षित मानी जाने लगी। विपक्षी दलों के उम्मीदवार यहां अब तक भाजपा के सामने कमजोर साबित हुए हैं, जिससे भाजपा का विजयी रथ बिना रुकावट के आगे बढ़ता रहा है।
आगामी चुनाव में भाजपा के सामने चौथी बार जीत दर्ज करने की चुनौती होगी। पार्टी के स्थानीय संगठन और कार्यकर्ता पहले से ही चुनावी तैयारियों में जुटे हैं। वहीं, INDIA गठबंधन की ओर से ऐसा उम्मीदवार तलाशा जा रहा है जो भाजपा की मजबूत पकड़ को चुनौती दे सके।
बथनाहा विधानसभा सीट नेपाल सीमा के निकट स्थित है, जिससे इसका सामरिक और सामाजिक महत्व बढ़ जाता है। सीमा से सटे होने के कारण यहां सुरक्षा और व्यापार से जुड़े मुद्दे भी चुनावी बहस का हिस्सा बनते हैं। यह क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, लेकिन साथ ही बाढ़ और गरीबी जैसी समस्याओं से भी जूझता रहा है। हर साल नदियों के उफान से बथनाहा के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं, जिससे फसलें नष्ट होती हैं और लोगों का जीवन प्रभावित होता है।
बथनाहा में जातीय और सामाजिक समीकरण चुनावी नतीजों को प्रभावित करते हैं। यादव, राजपूत, वैश्य, दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मतदाता यहां निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, मुस्लिम मतदाता भी इस सीट पर प्रभावशाली हैं और कई बार चुनावी परिणामों को दिशा देने में अहम साबित हुए हैं। इस जातीय विविधता के चलते राजनीतिक दलों को उम्मीदवार चयन और प्रचार रणनीति में विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है।
बथनाहा विधानसभा क्षेत्र आज भी कई सामाजिक और आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है। यहां सड़क, बिजली और स्वच्छ पेयजल की कमी कई गांवों में आम समस्या बनी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा की स्थिति चिंताजनक है। प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है। स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों और दवाओं की अनुपलब्धता से लोग परेशान हैं। इन मुद्दों को लेकर स्थानीय जनता चुनाव में अपनी आवाज बुलंद कर सकती है।
बथनाहा की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है। यहां धान, गेहूं, मक्का और गन्ना प्रमुख फसलें हैं। कुछ किसान सब्जी उत्पादन और मछली पालन भी करते हैं, लेकिन बाढ़ की वजह से खेती पर लगातार खतरा बना रहता है। औद्योगिक विकास की कमी के कारण युवाओं को रोजगार के लिए दिल्ली, पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों में पलायन करना पड़ता है। यह मुद्दा भी चुनावी बहस का हिस्सा बन सकता है।
बथनाहा विधानसभा की कुल जनसंख्या 5,49,485 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 2,88,457 और महिलाओं की संख्या 2,61,028 है। चुनाव आयोग के 1 जनवरी 2024 के आंकड़ों के अनुसार, इस क्षेत्र में कुल मतदाता 3,25,980 हैं। इनमें पुरुष मतदाता 1,71,168, महिला मतदाता 1,54,801 और थर्ड जेंडर वोटर 11 हैं।
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बथनाहा विधानसभा सीट पर भाजपा की पकड़ मजबूत जरूर है, लेकिन चौथी बार जीत दर्ज करना आसान नहीं होगा। विपक्षी दलों की रणनीति, जातीय समीकरण, स्थानीय मुद्दे और मतदाताओं की अपेक्षाएं इस बार चुनाव को रोचक बना सकती हैं। अब देखना यह है कि क्या भाजपा जीत का चौका लगा पाएगी या फिर विपक्ष का पंजा इस बार कुछ नया कर दिखाएगा।