केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (सौ. सोशल मीडिया)
Union Home Minister Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि बिहार की जनता को ‘नए मुखौटा पहने जंगलराज’ पर भरोसा नहीं करना चाहिए और उम्मीद जताई कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बिहार में सत्ता बरकरार रखेगा। राजद नीत ‘इंडिया’ दरअसल ‘जंगलराज का नया रूप’ है, जबकि राजग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार को स्थिरता और प्रगति की राह पर आगे बढ़ाया है।
अमित शाह ने कहा कि, पिछले 20 वर्षों में हमने इस राज्य को नरक से बाहर निकाला है। अब समय है कि इस मजबूत नींव पर एक मजबूत संरचना तैयार की जाए। मैं जनता से अपील करता हूं कि वे जंगलराज लाने वालों पर भरोसा न करें, चाहे वे किसी नए चेहरे या गठबंधन के रूप में क्यों न आएं। मैं लोगों से राजग को एक और मौका देने का आग्रह करता हूं। इससे हमें वर्षों से चली आ रही प्रगति को जारी रखने में मदद मिलेगी, जिसमें केंद्र में मोदी और राज्य में नीतीश हैं।
अमित शाह ने विपक्ष के उस आरोप को भी खारिज कर दिया कि ‘सत्तारूढ़ राजग ने पूरे कार्यकाल में जनता की परेशानियों को अनदेखा किया और अब चुनाव से पहले मुफ्त की रेवड़ियां बांट रहा है।’ उन्होंने कहा कि विपक्ष खुद से परेशान है। उन्हें यह तक पता नहीं कि गठबंधन में कौन नेतृत्व करेगा, कौन कहां से लड़ेगा। राजद, कांग्रेस और वाम दलों के बीच आपसी खींचतान इतनी है कि कई सीट पर वे एक-दूसरे के खिलाफ ही मैदान में उतर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि, बिहार के लोगों को एनडीए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का निरंतर लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 8.52 करोड़ लोगों को हर माह पांच किलो मुफ्त अनाज, 87 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि, 52 लाख किसानों को फसल बीमा, 3.53 लाख लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज, 1.57 करोड़ महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर, और 44 लाख बेघर लोगों को आवास उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि कई साल पहले जब मैं गया जी में अपने पिता के श्राद्ध के लिए गया था, तो पटना से वहां पहुंचने में छह घंटे से अधिक समय लगा था। आज वह दूरी दो घंटे में तय की जा सकती है।
अपहरण और जातीय हिंसा जैसी घटनाएं अब अतीत की बात हो चुकी हैं। आने वाले वर्षों में केंद्र सरकार बिहार के प्रतिभाशाली कार्यबल का उपयोग करते हुए इसे एआई का केंद्र बनाने की दिशा में काम करेगी। बिहार भूमि भले ही सीमित हो, लेकिन यहां की मानव संसाधन क्षमता असीमित है। बिहार वह धरती है जिसने चंद्रगुप्त मौर्य जैसे सम्राटों को जन्म दिया और लगभग 700 वर्षों तक देश की राजनीतिक धुरी बना रहा। अब कोई कारण नहीं कि यह राज्य अपनी खोई हुई गौरवशाली पहचान फिर से प्राप्त न करे।
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भाजपा नेता ने पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की एक साल पुरानी जन सुराज पार्टी पर टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया, जिसके बारे में कई का मानना है कि यह एक छुपा रुस्तम साबित हो सकती है। जब जन सुराज पार्टी द्वारा राज्य के कई भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए जाने के बारे में पूछा गया तो शाह ने तीखा जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने (किशोर) एक नयी पार्टी बनाई है जो पहली बार चुनाव लड़ रही है। हम उनके बारे में वोटों की गिनती और नतीजे घोषित होने के बाद बात करेंगे।