पवन खेड़ा, गौतम अडानी (फोटो- सोशल मीडिया)
Bhagalpur land Acquisition Dispute: बिहार में चुनावी सरगर्मियों के बीच एक भूमि अधिग्रहण विवाद सुर्खियां बटोर रहा है। जिससे सियासत गर्म हो गई है। इस भूमि अधिग्रहण विवाद के केंद्र में कारोबारी गौतम अडानी हैं। अब इसी मामले पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने NDA सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यह भूमि अधिग्रहण बिहार के भागलपुर में की गई है। इस जमीन पर थर्मल पावर प्लांट लगाया जाना है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के मुताबिक, भागलपुर जिले में 1020 एकड़ जमीन, एक रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से 30 साल के लिए लीज पर ली गई है। इस जमीन पर पावर प्लांट लगाया जाएगा, जिससे 2,400 मेगावॉट बिजली पैदा होगी। इस प्रोजेक्ट का बजट 21,400 करोड़ रुपए है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस से पवन खेड़ा ने एक निजी न्यूज चैनल की ग्राउंड रिपोर्ट दिखाई। इस रिपोर्ट में स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि हमें डरा-धमका कर हमारी जमीन मिट्टी के भाव लीज पर ले ली गई। इस भूमि अधिग्रहण के खिलाफ स्थानीय लोगों में रोष है। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि हमें बेवकूफ बनाकर हमारी जमीन सरकार ने हथिया ली। एक अन्य स्थानीय व्यक्ति कहना है कि इस पावर प्लांट को बनाने के लिए कम करोड़ों पेड़ काटे जाएंगे, जिससे पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचेगी।
कांग्रेस नेता खेड़ा ने कहा कि आप लोगों ने देखा किस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दोस्त गौतम अडानी की मदद कर रहे हैं। उन्होंने अडानी और केंद्र सरकार हमला बोलते हुए अडानी को राष्ट्र का सेठ कहा। खेड़ा ने आगे कहा कि बिहार में वोट चोरी का बंदोबस्त किया जा रहा है। हो सकता है कि हम वोट चोरी नहीं होने देंगे। इस सब को देखते हुए फैसला लिया गया कि जाते-जाते गौतम भाई को फायदा पहुंचाया जाए। 2400 मेगवॉट के प्रोजेक्ट के लिए बजट में 21400 का प्रावधान है।
सरकार द्वारा बताया गया था कि भागलपुर में एक पावर प्लांट लगाया जाएगा। तब सरकार ने नहीं बताया था कि यह निजी कंपनी द्वारा लगाया जाएगा। उसके बाद सरकार ने फैसला किया कि इसमें प्राइवेट पार्टी को इनवॉल्व करेंगे। बिडिंग हुई तो अडानी को प्रोजेक्ट मिला। उन्होंने कहा कि सब से ज्यादा अजीब बात है कि बिहार की जमीन पर बिहार के कोयले से बनी बिजली बिहार के लोगों को 6.75 रुपये यूनिट में बेची जाएगी। ये खुली लूट है।
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BJP पहले ‘एक पेड़, मां के नाम’ जैसा अभियान चलाती है। फिर उसी जमीन को- जिसे किसान मां के समान मानता है- उसकी कीमत 1 रुपए लगाती है। किसानों को धमकाकर, जबरदस्ती पेंसिल से दस्तखत कराए गए और उनकी जमीन ली गई। फिर इसी प्लांट से निकली बिजली बिहार के लोगों को 6.75 रुपए/यूनिट के दर से बेची जाएगी, जबकि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के लिए ये दर 3 से 4 रुपए है। नरेंद्र मोदी अपने दोस्त के लिए बिहार को कुछ इसी तरह से लूट रहे हैं और यही सब करके बिहार को ‘बीमारू राज्य’ बना दिया गया।