Ev को लेकर सरकार ने आगे बढ़ाई अपनी नीति। (सौ. Pixabay)
PME Drive has been increased: भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के लिए PM E-Drive स्कीम की अवधि दो साल बढ़ा दी है। अब यह योजना 31 मार्च 2028 तक लागू रहेगी। भारी उद्योग मंत्रालय ने इस स्कीम की शुरुआत 1 अक्टूबर 2024 को 10,900 करोड़ रुपये के बजट के साथ की थी। पहले इसकी समय सीमा मार्च 2026 तक थी, लेकिन अब इसे 2028 तक बढ़ाने का फैसला किया गया है।
यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को आसान और किफायती बनाने के लिए बनाई गई है। इसमें न केवल वाहनों की खरीद पर सब्सिडी दी जाती है, बल्कि पब्लिक चार्जिंग स्टेशन, टेस्टिंग सुविधाएं और EV टेक्नोलॉजी के लोकल प्रोडक्शन को भी प्रोत्साहित किया जाता है। इस योजना में EMPS-2024 स्कीम को भी शामिल किया गया है।
सरकार का लक्ष्य है कि 40 लाख से अधिक आबादी वाले 9 बड़े शहरों में 24.8 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 3.2 लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया, 14,000+ इलेक्ट्रिक बसें को सब्सिडी का लाभ मिले। साथ ही, इलेक्ट्रिक ट्रक और एम्बुलेंस के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है।
दोपहिया और तिपहिया खरीदारों को वित्त वर्ष 2025 में ₹5,000 प्रति kWh, वित्त वर्ष 2026 में ₹2,500 प्रति kWh की सब्सिडी मिलेगी, जो वाहन के एक्स-शोरूम प्राइस के अधिकतम 15% तक होगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी ईवी की बैटरी क्षमता 1 kWh है, तो 2025 में ₹5,000 और 2026 में ₹2,500 की सब्सिडी मिलेगी।
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सरकार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार पर भी जोर दे रही है। योजना के तहत चार-पहिया ईवी के लिए 22,000 पब्लिक चार्जर, इलेक्ट्रिक बसों के लिए 1,800 चार्जर लगाए जाएंगे। साथ ही, भारी उद्योग मंत्रालय के तहत व्हीकल टेस्टिंग सुविधाओं को भी अपग्रेड किया जाएगा।
इससे पहले, सरकार ने 1 अक्टूबर, 2024 को 10,900 करोड़ रुपये के बजट के साथ PM E-Drive योजना शुरू की थी। उस समय इस योजना की अवधि 31 मार्च, 2026 तक रखी गई थी और इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी, सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों का विकास, परीक्षण सुविधाओं का उन्नयन और ईवी तकनीक के स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देने का प्रावधान शामिल था। यह निर्णय देश में ईवी अपनाने की गति बढ़ाने और प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से लिया गया था।