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भारत में सड़क सुरक्षा: हर दिन 474 मौतें, बड़ा संकट बनते हादसे

National Road Safety Mission: भारत में सड़क सुरक्षा बेहद चिंताजनक है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में 1.72 लाख से ज्यादा लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है।

  • By सिमरन सिंह
Updated On: Sep 01, 2025 | 03:30 PM

Road Accident भारत में बढ़ रहे है। (सौ. Freepik)

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India Road Safety 2023: भारत में सड़क सुरक्षा की हालत बेहद चिंताजनक होती जा रही है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में 1.72 लाख से ज्यादा लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई। इसका मतलब है कि देश में औसतन हर दिन 474 लोग और हर घंटे लगभग 20 लोग सड़क हादसों का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं। यह आंकड़ा किसी महामारी से कम नहीं और यह दर्शाता है कि भारत की सड़कें अब भी बेहद खतरनाक हैं।

सड़क हादसों के मुख्य कारण

रिपोर्ट साफ करती है कि तेज रफ्तार और गलत दिशा में वाहन चलाना हादसों की सबसे बड़ी वजह बने। इसके अलावा, हेलमेट और सीट बेल्ट का इस्तेमाल न करना भी मौतों के पीछे प्रमुख कारण रहा। आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ हेलमेट न पहनने से ही 54,568 मोटरसाइकिल चालकों की जान गई। वहीं, सीट बेल्ट न लगाने से भी हजारों लोगों की असमय मौत हो गई।

पैदल यात्री और दोपहिया सबसे ज्यादा प्रभावित

2023 में सड़क हादसों का सबसे बड़ा खामियाजा पैदल यात्रियों और दोपहिया वाहन चालकों को भुगतना पड़ा। रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले 35,000 से ज्यादा पैदल यात्रियों की मौत हुई, जो 2022 की तुलना में कहीं अधिक है। यह स्पष्ट करता है कि भारत की सड़कें अभी भी पैदल चलने वालों और साइकिल सवारों के लिए सुरक्षित नहीं हो पाई हैं।

सड़क सुरक्षा मिशन की अनिवार्यता

रोड सेफ्टी नेटवर्क और कंज्यूमर वॉइस जैसी संस्थाओं के विशेषज्ञों का मानना है कि हादसों की जिम्मेदारी सिर्फ “मानवीय गलती” पर डालकर पल्ला नहीं झाड़ा जा सकता। असल जरूरत है सिस्टमेटिक बदलावों की। इसमें सख्त कानूनों का पालन, हेलमेट और सीट बेल्ट के नियमों का कड़ाई से अमल और शहरों-गांवों में सुरक्षित सड़क ढांचे का निर्माण जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि “सड़क सुरक्षा को अब सिर्फ ट्रांसपोर्ट इश्यू नहीं, बल्कि पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी मानना होगा।” तभी इस गंभीर संकट पर काबू पाया जा सकता है।

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2030 तक मौतों को आधा करने का लक्ष्य

भारत ने संकल्प लिया है कि 2030 तक सड़क हादसों से होने वाली मौतों और गंभीर चोटों को आधा किया जाएगा। इसके लिए एक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा मिशन की तत्काल शुरुआत आवश्यक है। जब तक पैदल यात्रियों, साइकिल चालकों और दोपहिया सवारों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता नहीं दी जाएगी, तब तक सड़क सुरक्षा की स्थिति में सुधार की उम्मीद करना मुश्किल होगा।

Ministry of road transport highways reports revealed road accident deaths check all details

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Published On: Sep 01, 2025 | 03:30 PM

Topics:  

  • Road Safety Campaign
  • Tech News

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