Japan के साथ भारत का रिश्ता। (सौ. Freepik)
पिछले वित्त वर्ष में पहली बार जापान मेड-इन-इंडिया कारों के लिए शीर्ष पांच निर्यात गंतव्यों में शामिल हो गया है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत में निर्मित कारों की स्वीकार्यता न केवल विकासशील, बल्कि विकसित देशों में भी लगातार बढ़ रही है।
सुजुकी मोटर कॉर्प और होंडा मोटर कंपनी जैसे दिग्गज ब्रांड भारत को उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, FY24 के पहले नौ महीनों में भारत से जापान को 616.45 मिलियन डॉलर की कारें निर्यात की गईं, जो पिछले साल की 220.62 मिलियन डॉलर की तुलना में करीब तीन गुना अधिक है।
जनवरी से मारुति सुजुकी ने अपनी लोकप्रिय SUV Jimny का जापान को निर्यात शुरू किया है। “हमने वर्षों से गुणवत्ता, लागत, दक्षता और तकनीक के क्षेत्र में मजबूत आधार बनाया है, जिससे हमें स्केल और वॉल्यूम मिला,” मारुति सुजुकी इंडिया के सीनियर एक्जीक्यूटिव ऑफिसर राहुल भारती ने कहा। उन्होंने आगे बताया कि अब कंपनी भारत में निर्मित e-Vitara इलेक्ट्रिक SUV को यूरोप और जापान जैसे विकसित बाजारों में निर्यात करेगी।
होंडा कार्स इंडिया ने FY24 में SUV Elevate की 45,167 यूनिट्स एक्सपोर्ट कीं, जिनमें से अधिकांश जापान गईं — जो भारत में बेची गई 22,321 यूनिट्स से दोगुनी हैं।
SIAM के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा के अनुसार, “भारतीय कंपनियां अब केवल अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे बाजारों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे जापान जैसे विकसित देशों में भी वैश्विक स्तर के मॉडल्स के साथ प्रवेश कर रही हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि कॉम्पैक्ट SUV का एक्सपोर्ट लगातार बढ़ रहा है और अब यह कुल निर्यात का 25% से अधिक है।
होंडा के वाइस प्रेसिडेंट कुनाल बेहल के मुताबिक, कंपनी भारत को अपने वैश्विक व्यापार का “मुख्य निर्यात केंद्र” बनाना चाहती है। यामाहा भी भारत से जापान को प्रीमियम मोटरसाइकल एक्सपोर्ट करने की योजना बना रही है। यामाहा इंडिया ग्रुप के चेयरमैन इतारु ओतानी ने कहा, “भारत में उत्पादन लागत और श्रम लागत अन्य देशों की तुलना में काफी कम है।”
FY24 में भारत का कुल पैसेंजर कार निर्यात 15% बढ़कर 770,364 यूनिट्स हो गया, जबकि घरेलू बिक्री केवल 2% बढ़कर 4.3 मिलियन वाहन रही। इंडस्ट्री ने अगले पांच वर्षों में कुल निर्यात को 30% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।