EV की चार्जिग को लेकर देश में परेशानी। (सौ. Freepik)
भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है, लेकिन चार्जिंग की सुविधा अब भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। केयरएज रेटिंग्स की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत का ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से विकसित हो रहा है, और बीते तीन वर्षों में इसमें पांच गुना से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक, देश में सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन (EVPCS) की संख्या कैलेंडर वर्ष 2022 में 5,151 थी, जो 2023 में बढ़कर 11,903 हो गई। 2024 के अंत तक यह संख्या 25,202 तक पहुंच गई और वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत में यह 26,367 का आंकड़ा पार कर गई।
रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि वित्त वर्ष 2022 से लेकर वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत तक ईवी चार्जिंग नेटवर्क में सालाना 72% की कंपाउंड ग्रोथ रेट (CAGR) दर्ज की गई है। इसमें कहा गया है कि, “चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बेहद तेजी से फैल रहा है और सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन बीते तीन वर्षों में 5 गुना से अधिक बढ़े हैं।”
यह बढ़ोतरी केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियों और सहयोगात्मक पहलों का परिणाम है। सरकार द्वारा चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने और निजी निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि, “भारत सरकार द्वारा चार्जिंग नेटवर्क के विस्तार के लिए किए जा रहे प्रयासों ने इस ग्रोथ को संभव बनाया है।”
हालांकि चार्जिंग स्टेशनों की संख्या में हुई बढ़ोतरी सराहनीय है, लेकिन यह अब भी देश में चल रहे इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में बेहद कम है। रिपोर्ट के अनुसार, “भारत में सड़क पर हर 235 इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए केवल एक सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन मौजूद है, जो कि मांग के अनुपात में अपर्याप्त है।”
ये भी पढ़े: Komaki ने भारत में लॉन्च की नई क्रूजर इलेक्ट्रिक बाइक, कीमत 1.30 लाख से शुरू
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में हो रही तेज़ वृद्धि भारत को ईवी युग की ओर ले जा रही है, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। यदि सरकार और उद्योग जगत की पहलें इसी रफ्तार से जारी रहीं, तो जल्द ही देश में ईवी अपनाने की गति और भी तेज हो सकती है।