engine oil को बदलने का समय। (सौ. Freepik)
अगर आप अपनी कार का इंजन ऑयल समय पर नहीं बदलवा रहे हैं, तो यह लापरवाही आपको किसी भी दिन बड़ा आर्थिक झटका दे सकती है। इंजन ऑयल बदलने में की गई देरी धीरे-धीरे गाड़ी के इंजन को अंदर से नुकसान पहुंचाती है, जिसका असर परफॉर्मेंस, माइलेज और मेंटेनेंस कॉस्ट पर साफ दिखता है।
इंजन ऑयल इंजन के पुर्ज़ों को चिकनाई देकर घर्षण को कम करता है और उसे ज़्यादा गर्म होने से बचाता है। लेकिन जब ऑयल पुराना हो जाता है, तो उसकी क्षमता कम हो जाती है और वह गंदगी इकट्ठा करने लगता है। इससे इंजन पर ज़्यादा लोड पड़ता है, और समय के साथ इंजन फेल होने की नौबत आ सकती है।
हर कार के साथ एक यूज़र मैनुअल आता है, जिसमें साफ लिखा होता है कि इंजन ऑयल कितने किलोमीटर या समय के बाद बदलना चाहिए। सामान्यतः यह समय 5,000 से 10,000 किलोमीटर या 6 महीने से 1 साल के भीतर होता है।
“अगर आप सामान्य शहरी इलाकों में गाड़ी चलाते हैं तो मैनुअल का पालन करना काफी होता है, लेकिन अत्यधिक ट्रैफिक, धूलभरे रास्तों या पहाड़ी क्षेत्रों में ड्राइविंग करने वालों को इंजन ऑयल थोड़े अंतराल में ही बदलना चाहिए।”
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सही समय पर ऑयल बदलवाने से न केवल इंजन की लाइफ बढ़ती है, बल्कि गाड़ी स्मूद चलती है और फ्यूल इफिशिएंसी भी बनी रहती है।
अगर ऑयल समय से नहीं बदला गया तो इंजन में ज़्यादा घर्षण होगा, जिससे हीटिंग, पिस्टन लॉकिंग या इंजन सीज़ जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा, क्योंकि इन समस्याओं की मरम्मत का खर्च हजारों से लेकर लाखों तक जा सकता है।