Electric or Petrol Car में क्या है अतंर जाने सब। (सौ. Freepik)
नवभारत ऑटोमोबाइल डेस्क: जब बात आती है अपने सपनों की कार खरीदने की, तो आज के समय में ढेरों विकल्पों के बीच सही चुनाव करना मुश्किल हो जाता है। खासकर तब, जब इलेक्ट्रिक और पेट्रोल कारों के बीच फैसला करना हो। लगातार बढ़ती पेट्रोल की कीमतों और इलेक्ट्रिक वाहनों के विकल्पों की संख्या में इज़ाफा इस निर्णय को और जटिल बना देता है।
इलेक्ट्रिक कार एक ऐसी गाड़ी होती है, जो पूरी तरह या आंशिक रूप से बैटरी और मोटर से चलती है। इसमें पारंपरिक इंजन नहीं होता, बल्कि मोटर और रिचार्जेबल बैटरी होती है। ये बैटरी चार्ज होकर मोटर को ऊर्जा देती है, जिससे कार बिना शोर और धुएं के चलती है। इसे घर या सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर आसानी से चार्ज किया जा सकता है।
पेट्रोल कार में एक इंटरनल कंबशन इंजन होता है जो पेट्रोल जलाकर ऊर्जा उत्पन्न करता है। यह ऊर्जा गाड़ी के ट्रांसमिशन सिस्टम के माध्यम से पहियों तक पहुंचती है, जिससे कार चलती है। पेट्रोल कारें सालों से लोगों की पसंद रही हैं, खासकर उनके लो मेंटेनेंस और लंबी दूरी तय करने की क्षमता के कारण।
इलेक्ट्रिक कारें बहुत ही ऊर्जा कुशल होती हैं और इनके चलने पर लगभग शून्य प्रदूषण होता है। इनके रख-रखाव की लागत भी कम होती है क्योंकि इनमें पारंपरिक इंजन नहीं होता। इनकी परफॉर्मेंस भी तेज़ और स्मूद होती है। साथ ही कई राज्यों में इन पर रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लगता, जिससे खरीदारी और भी फायदेमंद हो जाती है।
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हालांकि, EVs की कीमतें अभी भी पारंपरिक कारों के मुकाबले अधिक हैं। इनकी बैटरियां चार्ज करने में समय लेती हैं और लंबी दूरी के सफर में परेशानी हो सकती है, खासकर जब चार्जिंग स्टेशन कम हों। बैटरी रिप्लेसमेंट भी महंगा सौदा हो सकता है।
पेट्रोल कारें चलाने में आसान होती हैं और इनकी मरम्मत की सुविधा हर जगह उपलब्ध होती है। इनके स्पेयर पार्ट्स भी सस्ते होते हैं। लंबी दूरी के लिए इनका माइलेज अच्छा रहता है और इन्हें फ्यूल करना भी कहीं अधिक आसान है।
ये गाड़ियां ज्यादा CO2 उत्सर्जित करती हैं जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है। साथ ही पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे लंबे समय में इन्हें चलाना महंगा साबित हो सकता है।
यदि आप मेट्रो शहर में रहते हैं जहां चार्जिंग स्टेशन आसानी से मिलते हैं, और आप पर्यावरण के प्रति सजग हैं, तो इलेक्ट्रिक कार आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकती है। वहीं, अगर आप हाइवे या ग्रामीण इलाकों में ज्यादा ड्राइव करते हैं, तो पेट्रोल कार आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। आप चाहें तो दोनों का संतुलन बनाने के लिए हाइब्रिड विकल्प भी चुन सकते हैं।
कार खरीदने से पहले इलेक्ट्रिक और पेट्रोल कारों की पूरी जानकारी लेना बेहद जरूरी है। दोनों के फायदे और नुकसान को ध्यान में रखकर ही एक समझदारी भरा फैसला लेना चाहिए। चाहे EV हो या पेट्रोल कार, सही जानकारी और ज़रूरत के अनुसार चुनाव ही सबसे बड़ा स्मार्ट मूव होगा।