BS क्या होता है। (सौ. Vecteezy)
Difference Between BS-3 and BS-4: दिल्ली की हवा एक बार फिर गंभीर हालात में पहुंच चुकी है। ठंड बढ़ने के साथ प्रदूषण ने ऐसा रूप ले लिया है कि सरकार से लेकर अदालत तक सख्त कदम उठाने को मजबूर हैं। इसी बीच BS-3, BS-4, BS-5 और BS-6 जैसे तकनीकी शब्द आम लोगों की रोज़मर्रा की बातचीत का हिस्सा बन गए हैं। सवाल यह है कि आखिर ये BS स्टेज क्या होते हैं और इनका आपकी गाड़ी व आपकी सेहत से क्या सीधा कनेक्शन है? हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक बड़े आदेश के बाद यह मुद्दा और भी अहम हो गया है, क्योंकि इसका असर लाखों वाहन मालिकों पर पड़ सकता है।
BS का मतलब है भारत स्टेज उत्सर्जन मानक। ये नियम तय करते हैं कि किसी वाहन का इंजन हवा में कितनी हानिकारक गैसें छोड़ेगा। इन मानकों को साल 2000 में लागू किया गया था, ताकि वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत CPCB ने इन्हें लागू किया। समय के साथ जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ता गया, वैसे-वैसे नियम भी सख्त होते चले गए।
देश में गाड़ियों की संख्या तेजी से बढ़ी, ट्रैफिक बढ़ा और इसके साथ हवा और ज़्यादा जहरीली होती गई। इसी वजह से सरकार ने तय किया कि कुछ सालों के अंतराल पर उत्सर्जन नियम और कड़े किए जाएंगे। यही कारण है कि BS-1 से लेकर आज BS-6 तक का सफर तय किया गया।
भारत में अलग-अलग समय पर ये स्टेज लागू हुए
हर नए स्टेज में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर जैसी गैसों की तय सीमा और कम कर दी गई।
BS-3 गाड़ियां आज के मानकों के हिसाब से ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं, इसलिए इन्हें लेकर सबसे ज्यादा सख्ती हो रही है। वहीं BS-4 गाड़ियां अपेक्षाकृत कम धुआं छोड़ती हैं और पर्यावरण के लिए थोड़ी बेहतर मानी जाती हैं। BS-6 सबसे सख्त और आधुनिक स्टैंडर्ड है, जिसमें फिलहाल भारत की सभी नई गाड़ियां आती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में वाहनों को लेकर अपने पुराने आदेश में बड़ा बदलाव किया है। CAQM के अनुरोध पर दिए गए इस नए फैसले के मुताबिक अब दिल्ली-NCR में सिर्फ BS-4 और उससे नई गाड़ियों को ही चलने की अनुमति होगी। BS-3 और उससे पुरानी गाड़ियों की एंट्री बैन कर दी गई है और इन्हें सीज भी किया जा सकता है।
ये भी पढ़े: Hyundai Creta को टक्कर देने आ रही Mahindra की नई मिड-साइज SUV, सेगमेंट में बढ़ेगी हलचल
आंकड़े बताते हैं कि असर काफी बड़ा होगा
इन सभी पर दिल्ली में चलने की रोक रहेगी।
अगर आपकी गाड़ी BS-3 या उससे पुरानी है, तो दिल्ली में उसे चलाना अब मुश्किल हो सकता है। फैसला सख्त जरूर है, लेकिन मकसद साफ हवा और बेहतर सेहत है। दिल्ली की जहरीली हवा से निपटने के लिए यह कड़वा, लेकिन जरूरी कदम माना जा रहा है।