Delhi Pollution को देखते हुए इन चीजों का होगा जरूरी। (सौ. Freepik)
नवभारत ऑटोमोबाइल डेस्क: दिल्ली में वायु प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। राजधानी में 1 जुलाई 2025 से 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा। यह फैसला कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के निर्देश पर लिया गया है और इसकी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं।
सर्दियों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है। AQI 400 के पार पहुंचना आम बात हो चुकी है। इसका सबसे बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं और पराली जलाने की घटनाएं हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्वयं कहा था, “देश के कुल वायु प्रदूषण में 40% योगदान वाहनों का है।” इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने यह निर्णायक कदम सर्दियों से पहले ही लागू करने का फैसला किया है।
दिल्ली के साथ-साथ यह नियम गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, सोनीपत जैसे शहरों में भी लागू किया जाएगा। यहां 1 नवंबर 2025 से पुरानी गाड़ियों को ईंधन नहीं मिलेगा। वहीं मेरठ, फरीदाबाद, भिवानी, रोहतक, अलवर जैसे शहरों में 1 अप्रैल 2026 से यह प्रतिबंध लागू होगा।
दिल्ली के 372 पेट्रोल पंपों और 105 सीएनजी स्टेशनों पर हाईटेक कैमरे और सॉफ्टवेयर लगाए जा रहे हैं जो पुरानी गाड़ियों की पहचान करेंगे। इन गाड़ियों को पहचानकर उन्हें ईंधन देने से इनकार कर दिया जाएगा। शेष पंपों पर यह काम अप्रैल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पर्यावरण मंत्री मजिंदर सिंह सिरसा स्वयं इस योजना की निगरानी कर रहे हैं। सरकार का उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना और राजधानी को स्वच्छ वायु क्षेत्र की ओर ले जाना है। साथ ही दिल्ली में ईवी नीति 2.0 और इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती भी तेज़ी से की जा रही है।