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20 साल पुरानी गाड़ियों पर सरकार का बड़ा फैसला, रिन्यूअल फीस दोगुनी

Vehicle Rules 2025: परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सेंट्रल मोटर व्हीकल्स रूल्स 2025 को नोटिफाई करते हुए साफ कर दिया है कि अब 20 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल फीस लगेंगी।

  • By सिमरन सिंह
Updated On: Aug 24, 2025 | 06:09 AM

20 साल पुरानी गाड़ियों के लिए नियम। (सौ. Pixabay)

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Transport Ministry Scrap Policy: परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गुरुवार को सेंट्रल मोटर व्हीकल्स (थर्ड अमेंडमेंट) रूल्स 2025 को नोटिफाई करते हुए साफ कर दिया है कि अब 20 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल फीस लगभग दोगुनी कर दी गई है। यह फैसला सीधे उन लोगों को प्रभावित करेगा, जो अब भी सड़क पर 20 साल पुरानी गाड़ियां चला रहे हैं।

क्या बदला है रिन्यूअल फीस में?

नई व्यवस्था के तहत अलग-अलग वाहनों की फीस इस प्रकार तय की गई है:

  • मोटरसाइकिल: पहले 1,000 रुपये, अब 2,000 रुपये
  • थ्री-व्हीलर / क्वाड्रिसाइकिल: पहले 3,500 रुपये, अब 5,000 रुपये
  • लाइट मोटर व्हीकल: पहले 5,000 रुपये, अब 10,000 रुपये
  • इंपोर्टेड 2 या 3-व्हीलर: पहले 10,000 रुपये, अब 20,000 रुपये
  • इंपोर्टेड 4-व्हीलर / बड़े वाहन: पहले 40,000 रुपये, अब 80,000 रुपये
  • अन्य वाहन: अब 12,000 रुपये

गौरतलब है कि इन शुल्कों में जीएसटी शामिल नहीं है। साथ ही, 15 साल पुरानी गाड़ियों का दोबारा पंजीकरण कराया जा सकता है, लेकिन उनकी उम्र 20 साल से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकेगी।

सरकार का मकसद क्या है?

सरकार का कहना है कि इस फैसले का मकसद पुरानी गाड़ियों को धीरे-धीरे सड़कों से हटाना और उनकी जगह नई, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल गाड़ियों को बढ़ावा देना है। दरअसल, 20 साल पुरानी गाड़ियां न केवल ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं, बल्कि सड़क पर हादसों का खतरा भी बढ़ाती हैं। यही कारण है कि इन्हें स्क्रैप पॉलिसी से जोड़ा गया है।

दिल्ली-एनसीआर में पहले से सख्ती

दिल्ली-एनसीआर में पुराने वाहनों पर पहले से ही रोक है।

  • 2014 में NGT ने 15 साल पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया।
  • 2015 में 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर रोक लगी।
  • 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें एंड ऑफ लाइफ घोषित किया।
    हाल ही में कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि दिल्ली सरकार पुराने वाहन मालिकों पर जबरदस्ती कार्रवाई न करे।

ये भी पढ़े: भारत में आने वाली पेट्रोल कारें: Maruti, Hyundai और Tata की नई पेशकशें

वाहन मालिकों के लिए विकल्प

अब वाहन मालिकों के सामने दो ही रास्ते हैं:

  • अगर गाड़ी चलाते रहना है, तो भारी-भरकम फीस देकर रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराएं।
  • या फिर सरकार की स्क्रैप पॉलिसी का लाभ उठाकर पुरानी गाड़ी बेचकर नई गाड़ी खरीद लें।

ध्यान दें

सरकार का यह कदम जहां पर्यावरण संरक्षण और सड़क सुरक्षा की दिशा में अहम माना जा रहा है, वहीं आम वाहन मालिकों के लिए यह आर्थिक बोझ साबित हो सकता है। अब देखना होगा कि लोग इस नए नियम को अपनाने के लिए कौन सा विकल्प चुनते हैं।

Government doubles renewal fees for vehicles over 20 years to promote clean air

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Published On: Aug 24, 2025 | 06:09 AM

Topics:  

  • Delhi NCR Weather
  • Diesel Vehicles
  • Public Transport

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