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क्या है ‘पुलित्जर पुरस्कार’, क्यों माना जाता है इसे अहम, जानें कितने भारतियों को मिला यह सम्मान

  • By राहुल गोस्वामी
Updated On: May 10, 2022 | 10:26 AM

Pic: Twitter

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नई दिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार दिवंगत फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी सहित चार भारतीयों को ‘फीचर फोटोग्राफी श्रेणी’ में प्रतिष्ठित पुलित्ज़र पुरस्कार (Pulitzer Prize) 2022 से सम्मानित किया गया है। ‘द पुलित्ज़र प्राइज़’ की वेबसाइट के अनुसार, समाचार एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के सिद्दीकी और उनके सहयोगियों अदनान आबिदी, सना इरशाद मट्टू और अमित दवे को इस पुरस्कार से नवाजा गया है, जिसकी घोषणा सोमवार को की गई। 

बता दें कि सिद्दीकी (38) की पिछले साल जुलाई में अफगानिस्तान में हत्या कर दी गई थी। अफगानिस्तान के स्पीन बोल्दक जिले में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच हिंसक संघर्ष की तस्वीरें लेते समय उनकी हत्या कर दी गई थी। पता हो कि सिद्दीकी को दूसरी बार पुलित्ज़र पुरस्कार से नवाजा गया है। 2018 में भी रॉयटर्स के साथ काम करते हुए उन्हें रोहिंग्या शरणार्थी संकट संबंधी तस्वीरों के लिए पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अफगानिस्तान तथा ईरान में युद्ध, हांगकांग में प्रदर्शन और नेपाल में भूकंप जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं की तस्वीरें ली थीं।

आइये आज हम आपको देते हैं पुलित्ज़र पुरस्कार पर कुछ गहन जानकारी :

क्या है पुलित्ज़र पुरस्कार

दरअसल मूल रूप से हंगरी के रहने वाले समाचार पत्र प्रकाशक जोसेफ पुलित्जर के नाम पर ये महत्वपूर्ण पुरस्कार दिया जाता है। बताते चलें कि जोसेफ ने अपनी वसीयत में कोलंबिया विश्वविद्यालय को पत्रकारिता स्कूल शुरू करने और पुरस्कार स्थापित करने के लिए पैसे दिए थे। इस पुरस्कार और छात्रवृत्ति के लिए उन्होंने 250,000 डॉलर भी आवंटित किए थे।

यह भी जान लीजिये कि, जोसेफ के नाम पर पत्रकारिता में चार पुरस्कार के अलावा पत्र और नाटक में चार, शिक्षा में एक, ट्रैवलिंग स्कॉलरश‍िप में चार पुरस्कार दिए जाते हैं। जोसेफ की मृत्यु 29 अक्टूबर 1911 के बाद पहली बार पुलित्जर पुरस्कार 4 जून 1917 में दिया गया। उनकी याद में आज भी पुलित्जर पुरस्कार (Pulitzer Prize), संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा दिया जाने वाला एक प्रमुख पुरस्कार है।  

इस ख़ास पुरूस्कार से कुल 21 श्रेणियों को सम्मानित किया जाता हैं। इस पुरस्कार प्राप्त करने वाले विजेता को पुरस्कार के साथ-साथ एक प्रमाण-पत्र व 10,000 डॉलर की नकद राशि भी प्रदान की जाती है।

किसे मिलता है पुलित्जर पुरस्कार 

यह अहम पुरस्कार प्रत्येक वर्ष आत्मकथा, कविता, फिक्शन, नाटक, इतिहास, जनसेवा एवं पत्रकारिता की अन्य विभिन्न श्रेणियों के विजताओं को प्रदान किया जाता है| इस पुरस्कार को प्रदान करने की एक ख़ास और जरुरी वजह यह भी है, कि पुरस्कार देने से विजेताओं का मनोबल बढ़ता है, जिससे उनका हौसला भी मजबूत होता चला जाता है | इसलिए इस तरह के सभी विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करके उन्हें असल में उनके साहस को सम्मानित किया जाता है |

भारतीयों में सबसे पहले किसने हासिल किया यह पुरस्कार 

देखा जाए तो सबसे पहले भारतीय के तौर पर पुरस्कार पाने वालों में गोबिंद बिहारी लाल का नाम आता है। वो दरअसल भारतीय-अमेरिकी पत्रकार और इंडिपिंडेंट एक्ट‍िविस्ट थे। उन्होंने लाला हर दयाल के रिश्तेदार और करीबी सहयोगी के तौर पर गदर पार्टी में शामिल होकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में जरुरी योगदान भी दिया था। गोबिंद बिहारी लाल को साल 1937 में पुलित्जर से नवाजा गया था। विज्ञान लेखक के तौर पर उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के क्षेत्र में विज्ञान के कवरेज के लिए चार अन्य लोगों के साथ अपना पुलित्जर पुरस्कार साझा किया था।

इन भारतियों ने जीता पुलित्जर

देखा जाए तो अब तक भारतीय अमेरिकी लेखिका झुंपा लाहिड़ी, पत्रकार-लेखिका गीता आनंद, कैंसर चिकित्सक और शोधकर्ता सिद्धार्थ मुखर्जी, विजय शेषाद्री, पत्रकार मेघा राजगोपाल और नील बेदी को अब तक यह बहुप्रतिष्ठत पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया है।

 

What is pulitzer prize why it is considered important know how many indians got this honor

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Published On: May 10, 2022 | 10:26 AM

Topics:  

  • India
  • Journalism

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