अमेरिकी राजदूत डोरोथी शीआ, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
वांशिगटन: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक बैठक के दौरान अमेरिकी राजदूत डोरोथी शीआ से एक बड़ी चूक हो गई। भाषण के दौरान जुबान फिसलने से उन्होंने गलती से इजरायल को मध्य पूर्व में अशांति, आतंक और दर्द फैलाने वाला देश कह दिया। हालांकि, उन्होंने तुरंत ही अपनी इस गलती को सुधारते हुए स्पष्ट किया कि उनका आशय ईरान सरकार से था, जिसने इस क्षेत्र में हिंसा और पीड़ा को बढ़ावा दिया है। यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई।
अमेरिकी राजदूत ने अपने संबोधन में इजरायल को लेकर कहा कि अमेरिका इजरायल के साथ मजबूती से खड़ा है और ईरान की परमाणु योजनाओं के खिलाफ इजरायली प्रयासों का समर्थन करता है।
US representative to the UN Dorothy Shea:
“Israel’s government has also spread chaos, terror and suffering throughout the region…”
Awkward pause.
“Iran’s government has also spread chaos, terror and suffering throughout the region…”
It’s always foreign policy that brings… pic.twitter.com/W5UMV52rVn
— Margarita Simonyan (@M_Simonyan) June 20, 2025
वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कुछ यूजर्स ने इसे “सच्ची भावना” का प्रतीक माना, जबकि जबकि कुछ लोगों ने इसे केवल “मानवीय भूल” करार दिया। विशेषज्ञों ने इस बयान को अमेरिका के कहे और किए में अंतर का संकेत माना, वहीं कुछ लोगों का मानना था कि इस मामूली सी भाषा चूक को बेवजह तूल दिया जा रहा है।
अमेरिकी राजदूत डोरोथी शीआ ने बयान में कहा कि यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि ईरानी सरकार ने हमास द्वारा इजरायल पर किए गए घातक हमले को वैचारिक रूप से और खुलकर सामने से समर्थन दिया था। उन्होंने ईरान से अपील की कि वह सही मार्ग अपनाए। इसके अलावा, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को दोहराते हुए कहा कि ईरान को अपना परमाणु संवर्धन कार्यक्रम बंद करना चाहिए और परमाणु हथियार हासिल करने की अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरी तरह त्याग देना चाहिए।
डोरोथी शीआ ने जी-7 नेताओं के अनुसार कहा कि ईरान मध्य पूर्व में अस्थिरता और आतंकवाद का प्रमुख कारण है। उन्होंने यह भी साफ किया कि अमेरिका ने इजरायल द्वारा ईरान के खिलाफ किए गए हमलों में भाग नहीं लिया है, हालांकि वह इजरायल का समर्थन करता है। इसी बीच, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने शनिवार को चेतावनी दी कि यदि अमेरिका इस संघर्ष में सीधे शामिल होता है, तो यह स्थिति सभी के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम की संभावना पर सवाल उठाते हुए कहा कि इजरायल के हमलों को रोकना कठिन होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल युद्ध में मजबूती से खड़ा है, जबकि ईरान की स्थिति कमजोर है।