अमेरिका के B-2 बॉम्बर्स फाइटर जेट गायब (फोटो- सोशल मीडिया)
वाशिंगटन: इजराइल और ईरान के बीच युद्धविराम कराने में अमेरिका के लडाकू विमान बी-2 बॉम्बर्स ने अहम भूमिका निभाई थी। बी-2 बॉम्बर्स के एक समूह ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमला करके उन्हें बर्बाद किया था। लेकिन अब दावा किया जा रहा है कि हमला करने के बाद लडाकू विमान एयरबेस पर वापस आया ही नहीं है। इसे खोजने में अमेरिकी अधिकारी परेशान चल रहे हैं।
बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स को लेकर कई दावे सामने आ रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, बी-2 बॉम्बर अब भी हवा में ही फंसा हुआ है, जबकि अन्य में बॉम्बर के लापता होने की बात कही गई है। ये लड़ाकू विमान 21 जून को अमेरिका के मिसौरी स्थित व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से उड़ान भरकर अगले दिन ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी मिशन पर निकले थे। मिशन के दौरान बी-2 बॉम्बर्स ने दो अलग-अलग समूहों में उड़ान भरी थी।
जानकारी के अनुसार, मिशन के दौरान पहला जत्था प्रशांत महासागर के पश्चिमी हिस्से की ओर रवाना हुआ था। इसी जत्थे में शामिल एक जेट, जिसका कॉल साइन ‘माइटी 14’ था, अब तक अमेरिकी एयरबेस पर वापस नहीं लौटा है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, माइटी 14 नामक बी-2 बॉम्बर को होनोलुलु स्थित डेनियल के. इनोयु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आपात लैंडिंग करनी पड़ी। यह एयरपोर्ट हवाई के हिकाम एयरफोर्स बेस के पास स्थित है और उसका रनवे एयरफोर्स बेस के रनवे से जुड़ा हुआ है।
कहा जा रहा है कि तकनीकी खराबी के चलते एक बी-2 बॉम्बर की आपात लैंडिंग करनी पड़ी। लेकिन इसे लेकर पुख्ता जानकारी किसी के पास नहीं है। हालांकि कई अमेरिकी अधिकारियों ने आपात लैंडिंग की बात को सिरे से खारिज कर दिया है। कहा जा रहा है कि विमान तेल भरवाने के लिए वहां उतरा था, लेकिन इस बात को बीते 10 दिन से ज्यादा का वक्त हो गया है।
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अमेरिका के पास कुल 19 बी-2 बॉम्बर विमान हैं, जिनमें से हर एक की कीमत लगभग 2 बिलियन डॉलर है। इतनी ऊँची लागत के कारण ये विमान अमेरिका के लिए बेहद कीमती हैं, और यही वजह है कि इनके लापता होने की किसी भी खबर से अमेरिका चिंतित हो उठता है। जब अमेरिका ने ईरान पर हमला किया था, तब ईरान ने एक तस्वीर जारी कर यह दावा किया था कि उसने अमेरिका का एक बी-2 बॉम्बर मार गिराया है।