किंग चार्ल्स, प्रिंस एंड्रयू (सोर्स- सोशल मीडिया)
Prince Andrew Scandal: ब्रिटिश शाही परिवार में एक बड़ी हलचल मची है। किंग चार्ल्स तृतीय ने अपने छोटे भाई प्रिंस एंड्रयू से सभी शाही उपाधियां और सम्मान हटाने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। बकिंघम पैलेस ने गुरुवार को बयान जारी करते हुए कहा कि अब एंड्रयू को एंड्रयू माउंटबैटन विंडसर के नाम से जाना जाएगा। प्रिंस एंड्रयू का नाम कई गंभीर मामलों में शामिल रहा है।
इस आदेश के साथ ही एंड्रयू का विंडसर स्थित रॉयल लॉज में शाही निवास अधिकार भी समाप्त कर दिया गया है। उन्हें रॉयल लॉज की लीज खत्म होने का नोटिस सौंपा गया है और अब वे किंग चार्ल्स की निजी संपत्ति सैंडरिंगहैम एस्टेट (नॉरफॉक) में रहेंगे।
किंग चार्ल्स का यह कदम ऐसे समय में आया है, जब 65 वर्षीय एंड्रयू एक बार फिर विवादों में घिरे हुए हैं। इन विवादों की जड़ अमेरिकी अरबपति और यौन अपराधी जेफ्री एपस्टीन से उनकी दोस्ती को बताया जा रहा है। हाल ही में वर्जीनिया गिफ्रे की मौत के बाद उनकी किताब ‘नोबॉडीज गर्ल’ ने जनता का गुस्सा फिर भड़का दिया।
गिफ्रे, जिन्होंने अप्रैल में आत्महत्या कर ली थी, ने किशोरावस्था में एंड्रयू द्वारा यौन शोषण किए जाने का दावा किया था। हालांकि, एंड्रयू ने हमेशा इन आरोपों को खारिज किया है। रिपोर्टों के अनुसार, 2022 में उन्होंने गिफ्रे के साथ करोड़ों डॉलर के समझौते से मामले को शांत करने की कोशिश की थी, लेकिन जनता का गुस्सा कम नहीं हुआ। वो सरकार से एंड्रयू के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है।
बकिंघम पैलेस ने कहा कि यह कार्रवाई एंड्रयू के गंभीर निर्णयगत चूकों के कारण की गई है। सूत्रों के अनुसार, किंग चार्ल्स अब एंड्रयू के ड्यूक ऑफ यॉर्क, अर्ल ऑफ इनवर्नेस और बैरन ऑफ किलीलिआ जैसे खिताब रद्द करने के लिए रॉयल वॉरंट जारी करेंगे। इसके लिए संसद की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी।
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हालांकि, प्रिंस एंड्रयू की बेटियाँ प्रिंसेस बीट्रिस और प्रिंसेस यूजिनी अपने शाही खिताब बनाए रख सकेंगी। यह 1917 में किंग जॉर्ज पंचम द्वारा बनाए गए नियमों के अनुरूप है, जो शासक के पुत्रों के बच्चों को स्वचालित रूप से राजसी सम्मान देने का प्रावधान करते हैं।