भारतीय मूल की दो महिलाएं बनी कनाडा में मंत्री, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: भारतीय मूल की अनीता आनंद और दिल्ली में जन्मी कमल खेड़ा को कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। पूर्व केंद्रीय बैंकर मार्क कार्नी ने 14 मार्च 2025 को कनाडा के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। 59 वर्षीय कार्नी ने जस्टिन ट्रूडो की जगह ली, जिन्होंने जनवरी 2025 में अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। लिबरल पार्टी के नए नेता के चयन तक ट्रूडो ने पद पर बने रहे।
भारतीय-कनाडाई अनीता आनंद (58 वर्ष) को कनाडा की नवाचार, विज्ञान और उद्योग मंत्री नियुक्त किया गया है, जबकि 36 वर्षीय कमल खेड़ा को देश का नया स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। कमल खेड़ा का जन्म दिल्ली में हुआ था, लेकिन उनकी स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद उनका परिवार कनाडा चला गया। आगे चलकर उन्होंने टोरंटो के यॉर्क विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
कनाडा के प्रधानमंत्री की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, कमल खेड़ा को 2015 में पहली बार ब्रैम्पटन वेस्ट से सांसद चुना गया था। वेबसाइट में यह भी उल्लेख किया गया है कि वह संसद की सबसे कम उम्र की महिला सांसदों में से एक हैं। कमल खेड़ा एक पंजीकृत नर्स होने के साथ-साथ सामुदायिक सेवा में सक्रिय और राजनीतिक रूप से सक्रिय कार्यकर्ता भी हैं।
कमल खेड़ा ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि बतौर नर्स उनकी प्राथमिकता हमेशा मरीजों की देखभाल रही है, और अब स्वास्थ्य मंत्री के रूप में भी वह इसी प्रतिबद्धता के साथ काम करेंगी। उन्होंने प्रधानमंत्री मार्क कार्नी द्वारा उन पर जताए गए विश्वास के लिए आभार व्यक्त किया।
विदेश की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें…
इस बीच, अनीता आनंद, जो पहले जस्टिन ट्रूडो की जगह अगले प्रधानमंत्री की दौड़ में सबसे आगे मानी जा रही थीं लेकिन जनवरी में इस दौड़ से हटने की घोषणा कर ली थी। अब वह मार्क कार्नी की सरकार में नवाचार, विज्ञान और आर्थिक विकास मंत्री के रूप में शपथ लेकर इस नई भूमिका को निभाने पर गर्व महसूस कर रही हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री की वेबसाइट के अनुसार, अनीता आनंद 2019 में पहली बार ओकविले से संसद सदस्य चुनी गई थीं। इससे पहले, उन्होंने ट्रेजरी बोर्ड की अध्यक्ष, राष्ट्रीय रक्षा मंत्री और सार्वजनिक सेवा एवं खरीद मंत्री के रूप में सेवाएं दी हैं। वेबसाइट में यह भी उल्लेख किया गया है कि आनंद ने वैज्ञानिक, वकील और शोधकर्ता के रूप में काम किया है और वह एक कानूनी शिक्षाविद भी रही हैं।