टीटीपी नेता (सोर्स- सोशल मीडिया)
TTP Challenges Pakistani Army: एक ओर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव खत्म करने के लिए दोनों पक्षों के बीच इस्तांबुल में तीसरे राउंड की वार्ता हो रही है। इस बीच आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने पाकिस्तानी सरकार और उसकी सेना को खुली धमकी दी है। टीटीपी सदस्यों ने पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र से इस्लामाबाद तक मार्च करने की प्लानिंग का ऐलान किया।
संगठन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया। जिसमें उन्होंने पंजाब क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति का दावा करते हुए पूरे देश में इस्लामी व्यवस्था स्थापित करने की कसम खाई है। वीडियो में एक टीटीपी सदस्य ने पाकिस्तानी सेना और सरकार को क्रूर बताया।
उसने दावा किया है कि उनमें मुजाहिदीन के खिलाफ युद्ध छेड़ने की क्षमता नहीं है। टीटीपी सदस्य ने वीडियो में पाकिस्तानी सेना और सरकार के शीघ्र पतन की भविष्यवाणी की है। पाकिस्तान लगातार दावा करता रहा है कि टीटीपी अफगानिस्तान की धरती से ऑपरेट कर रही है। हालांकि, टीटीपी सदस्यों ने इस वीडियो में दावा किया है कि वे पाकिस्तान के पंजाब में मौजूद हैं। टीटीपी का यह बयान सीधे तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को चुनौती देता दिख रहा है।
पाकिस्तान में जिस तरह के हालात सामने आ रहे हैं, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सेना प्रमुख असीम मुनीर की ग्राउंड पर पकड़ अब ढीली पड़ रही है। इसका एक ताजा उदाहरण कुछ दिनों पहले देखने को मिला, जब टीटीपी ने दावा किया कि उसने पाकिस्तानी सेना की चौकी पर कब्जा कर लिया है।
कुछ आलोचकों का कहना है कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर खैबर पख्तूनख्वा में पश्तूनों के उत्पीड़न को सही ठहराने के लिए टीटीपी के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका यह कृत्य पाकिस्तानी और अफगान आबादी के बीच संबंधों को खराब कर रहा है और यह कदम कथित तौर पर अमेरिका द्वारा निर्देशित है।
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हालात को देखते हुए पाकिस्तान में आंतरिक सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं। जिस टीटीपी को अस्तित्व में लाने में पाकिस्तान ने अहम भूमिका निभाई थी, आज वही टीटीपी पाकिस्तान के गले का कांटा बन गया है।
एजेंसी इनपुट के साथ-