तालिबानी कमांडर की आसिम मुनीर को चुनौती (सोर्स- सोशल मीडिया)
Taliban Commander Challenges Mullah Munir: तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और पाकिस्तानी सेना के बीच तनाव अपने चरम पर है। इसी बीच पीटीपी के वरिष्ठ कमांडर काजिम ने पाकिस्तानी सेना और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को जंग का खुली चुनौती दी है। काजिम ने सोशल मीडिया के जरिए जनरल मुनीर को धमकी दी है। इसके चलते पाकिस्तान में तनाव अपने चरम पर है।
सोशल मीडिया पर वायरल में काजिम आसिन मुनीर को चुनौती देते हुए कहता नजर आ रहा है कि, “अगर तुम मर्द हो, तो मैदान में आकर हमसे लड़ो। अपनी मां का दूध पिया है, तो सामने आओ।” इस बयान के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है।
8 अक्टूबर को टीटीपी ने खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम इलाके में एक बड़ा आतंकी हमला किया था। संगठन का दावा है कि इस हमले में 22 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि पाकिस्तानी सेना ने केवल 11 जवानों की मौत की पुष्टि की है। वीडियो में जले हुए सैन्य वाहन और जब्त किए गए हथियार भी दिखाए गए हैं। इस हमले के बाद से टीटीपी की गतिविधियां तेज हो गई हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव और भय का माहौल है। पाकिस्तान सरकार ने कमांडर काजिम के सिर पर 10 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया है।
‘Agar mard hai…’ (If you’re man enough) TTP sends a message to #Pakistan Army Chief Asim Munir – asks him to come and fight himself, instead of sending soldiers to die #AfghanistanAndPakistan #Afghanistan #PakistanArmy pic.twitter.com/om13JA3oLK — Shreya Upadhyaya (@ShreyaOpines) October 23, 2025
जानकारों का कहना है कि टीटीपी की बढ़ती ताकत से पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। उनका मानना है कि इस उग्रवादी संगठन के हौसले बढ़ने से लश्कर-ए-झंगवी (LeJ) और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) जैसे अन्य आतंकवादी समूह भी सक्रिय हो सकते हैं। ये संगठन पहले भी पाकिस्तान में कई हिंसक घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं।
हाल ही में कतर और तुर्की की मध्यस्थता में पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच युद्धविराम समझौता हुआ था। इसका मकसद डूरंड रेखा पर बढ़ते तनाव को कम करना था। हालांकि, पाकिस्तान ने साफ कहा है कि यह युद्धविराम तभी सफल होगा जब अफगानिस्तान टीटीपी जैसे संगठनों पर कठोर कार्रवाई करेगा।
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इसके अलावा खैबर पख्तूनख्वा में बढ़ते हमलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तानी सेना उग्रवाद पर नियंत्रण पाने में नाकाम रही है। स्थानीय लोग डर के साए में जी रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि अगर पाकिस्तान ने अपनी रणनीति में तत्काल बदलाव नहीं किया, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।