
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (सोर्स-सोशल मीडिया)
Donald Trump Claims To Stop Eight Global Wars In 11 Months: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र (UN) की प्रभावशीलता पर तीखा प्रहार करते हुए दावा किया है कि अमेरिका अब दुनिया का ‘वास्तविक संयुक्त राष्ट्र’ बन गया है। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट के जरिए घोषणा की कि थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जारी खूनी सीमा संघर्ष अब उनके हस्तक्षेप के बाद पूरी तरह रुक जाएगा।
उन्होंने वैश्विक शांति स्थापित करने में यूएन की विफलता पर नाराजगी जताते हुए इसे एक “बेअसर” संस्था करार दिया। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वे यूक्रेन संकट को सुलझाने के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात करने वाले हैं।
7 दिसंबर से थाईलैंड और कंबोडिया के बीच शुरू हुई भीषण सैन्य झड़पों में 100 से अधिक लोग मारे गए और करीब 10 लाख नागरिक विस्थापित हुए। ट्रंप ने दावा किया कि उनकी ‘फास्ट एंड डिसीसिव’ (तेज और निर्णायक) कार्यशैली के कारण दोनों देश शांति समझौते पर सहमत हुए हैं।
उन्होंने दोनों देशों के नेताओं की सराहना करते हुए कहा कि अमेरिका को इस युद्ध को समाप्त करने में मदद करने पर गर्व है। ट्रंप के अनुसार, जहां यूएन केवल कागजी कार्रवाई में उलझा रहा, वहीं अमेरिका ने जमीनी स्तर पर शांति स्थापित की।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के शुरुआती 11 महीनों की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उन्होंने अब तक आठ बड़े अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाया है। उनके दावों की सूची में भारत-पाकिस्तान, इजराइल-इरान, आर्मेनिया-अजरबैजान और कोसोवो-सर्बिया जैसे जटिल विवाद शामिल हैं।
ट्रंप ने आरोप लगाया कि इन सभी मामलों में संयुक्त राष्ट्र ने कोई महत्वपूर्ण सहायता नहीं दी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर यूएन सक्रिय नहीं होता है, तो अमेरिका को ही विश्व शांति के लिए कड़े और एकतरफा फैसले लेने होंगे।
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ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को एक ‘महाविपदा’ बताते हुए कहा कि इस मामले में भी संयुक्त राष्ट्र की भूमिका नगण्य रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि यूएन अपनी नींद से जागे और वास्तव में विश्व शांति के लिए काम शुरू करे।
फ्लोरिडा में होने वाली जेलेंस्की के साथ अपनी बैठक से पहले ट्रंप ने यह संकेत दे दिया है कि वे यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए भी ‘पीस थ्रू स्ट्रेंथ’ (शक्ति के माध्यम से शांति) की नीति अपनाएंगे। इस बयान ने वैश्विक मंच पर अमेरिका के बढ़ते कूटनीतिक प्रभुत्व और यूएन की घटती प्रासंगिकता पर नई बहस छेड़ दी है।






