ट्रंप का दावा, यूक्रेन-रूस शांति समझौता 'पहले से ज्यादा करीब' (डिज़ाइन)
Trump Ukraine Peace Deal: चार साल से चले आ रहे रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में बड़ी प्रगति होने की उम्मीद जगी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि दोनों देशों के बीच शांति समझौता अब “पहले से कहीं ज्यादा करीब” है। यह बयान बर्लिन में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के बीच हुई महत्वपूर्ण वार्ताओं के बाद आया है। इन कूटनीतिक प्रयासों से अब युद्धविराम की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच चार साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए एक शांति समझौता अब “पहले से ज्यादा करीब” है। ट्रंप का यह दावा यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की बर्लिन में यूरोपीय और नाटो नेताओं के साथ हुई लंबी और गहन वार्ता के तुरंत बाद आया है। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि अमेरिका को इस दिशा में जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन जैसे यूरोपीय देशों से “बेहद मजबूत समर्थन” मिल रहा है।
व्हाइट हाउस के अनुसार, बर्लिन में चल रही विस्तृत चर्चाओं में एक प्रमुख मुद्दा जापोरिज़्झिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र का भविष्य भी था। ऐसा प्रतीत होता है कि रूस और यूक्रेन इस अत्यंत संवेदनशील मुद्दे पर किसी समझौते के करीब पहुंच रहे हैं। व्यापक शांति वार्ता के तहत संयंत्र के सुरक्षित संचालन को बहाल करना एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। ट्रंप ने अपनी उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा कि, “हम इसे पूरा करने जा रहे हैं। हम बहुत सारी जानें बचाना चाहते हैं।” उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हाल ही में हुई बातचीत का हवाला देते हुए सफलता की उम्मीद जताई।
सकारात्मक बयानों के बावजूद, राष्ट्रपति ट्रंप ने सबसे बड़ी चुनौती को स्वीकार किया। उनके अनुसार, रूस और यूक्रेन को “एक ही पेज पर लाना” सबसे कठिन काम है। उन्होंने कहा कि रूस कभी बातचीत के लिए तैयार होता है और कभी नहीं और यही स्थिति यूक्रेन की भी है। शांति तभी संभव है जब दोनों पक्ष अपनी शर्तों और समय पर सहमति व्यक्त करें। इस गतिरोध को तोड़ना ही कूटनीतिक प्रयासों का मुख्य केंद्र है।
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बर्लिन वार्ता में एक और महत्वपूर्ण विकास हुआ है। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय नेता यूक्रेन को पश्चिमी सुरक्षा गारंटी देने पर सहमत हुए हैं। हालांकि, क्षेत्रीय नियंत्रण को लेकर मतभेद अब भी सबसे बड़ी बाधा बने हुए हैं। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने संकेत दिया है कि अगर उन्हें ठोस सुरक्षा आश्वासन मिलते हैं, तो यूक्रेन नाटो सदस्यता की अपनी महत्वाकांक्षा छोड़ने को तैयार हो सकता है। यह रुख शांति समझौते की दिशा में एक बड़ा समझौतावादी कदम माना जा रहा है।