लाखों कर्मचारियों को निकालने की तैयारी में व्हाइट हाउस (फोटो- सोशल मीडिया)
White House: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र शामिल हुए थे। जहां उन्होंने अपने सात महीने के कार्यकाल की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ सात महीने में अमेरिका में 17 बिलियन डॉलर का निवेश लाया है। लेकिन इस बयान के कुछ ही दिनों बाद अमेरिका से एक बड़ी खबर सामने आई है। जिससे ट्रंप के दावे की पोल खुलती नजर आ रही है।
व्हाइट हाउस ने बुधवार को सभी सरकारी एजेंसियों से कहा है कि वे एक संभावित “सरकारी शटडाउन” यानी सरकार बंद होने की स्थिति के लिए तैयार रहें। इसका मतलब है कि अगर 1 अक्टूबर तक सरकार को चलाने के लिए संसद (कांग्रेस) कोई नया बजट कानून पास नहीं करती, तो कई सरकारी सेवाएं बंद हो जाएंगी।
जानकारी के मुताबिक अगर शटडाउन हुआ, करीब 24 लाख सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर असर पड़ेगा। कुछ को छुट्टी पर भेजा जा सकता है, और कुछ को बिना वेतन के काम करना पड़ सकता है। सरकारी एजेंसियों से कहा गया है कि वे यह तय करें कि किन कार्यक्रमों और प्रोजेक्ट्स को फंड नहीं मिलेगा।
व्हाइट हाउस ने कहा है कि जिन सरकारी योजनाओं को जरूरी फंडिंग नहीं मिलती, उन्हें बंद करना पड़ेगा। हालांकि यह साफ नहीं है कि ट्रंप सरकार सच में सरकारी कर्मचारियों की संख्या घटाना चाहती है या यह डेमोक्रेट पार्टी पर दबाव डालने की चाल है, ताकि वे ट्रंप का बजट पास करें।
सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता चक शूमर ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि ट्रंप सरकार कर्मचारियों को डरा रही है और सरकार को सही ढंग से नहीं चला रही। उन्होंने भरोसा जताया कि अगर जबरन कर्मचारियों को हटाया गया, तो कोर्ट इस फैसले को रद्द कर सकती है।
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ट्रंप ने डेमोक्रेट नेताओं के साथ होने वाली बजट बैठक भी रद्द कर दी है, जिससे शटडाउन की आशंका और बढ़ गई है। ट्रंप पहले से ही सरकारी कर्मचारियों की संख्या कम करने की योजना पर काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकारी सिस्टम बहुत बड़ा और गैर-जरूरी है। अगर आने वाले दिनों में कोई समझौता नहीं होता, तो अमेरिका में एक बड़ा सरकारी संकट खड़ा हो सकता है, जिससे लाखों कर्मचारियों की नौकरी और आम जनता को मिलने वाली सरकारी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।