सिडनी के बॉन्डी बीच पर हुए आतंकी हमले को ISIS ने बताया 'गर्व की बात' (सोर्स- सोशल मीडिया)
Australia Hate Speech Laws: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हनुक्का उत्सव के दौरान हुए भयावह आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 15 मासूमों की जान चली गई, जिसे प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इस्लामिक स्टेट (ISIS) की विचारधारा से प्रेरित बताया है।
आतंकी संगठन ISIS ने अब इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अपने लिए ‘गर्व’ का विषय बताया है, हालांकि आधिकारिक जिम्मेदारी नहीं ली है। जवाब में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने देश में कट्टरपंथ और यहूदी-विरोध (Antisemitism) को जड़ से मिटाने के लिए ऐतिहासिक कानूनी बदलावों का एलान किया है।
14 दिसंबर 2025 को बॉन्डी बीच पर हुई गोलीबारी को लेकर आतंकी संगठन ISIS ने अपने टेलीग्राम चैनल पर एक लेख पोस्ट किया है। रॉयटर्स के अनुसार, संगठन ने इस बर्बर कृत्य की सराहना करते हुए इसे ‘गर्व की बात’ कहा है।
ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि हमलावर बाप-बेटे (साजिद और नवीद अकरम) थे, जिनकी सोच पूरी तरह से इस्लामिक स्टेट की चरमपंथी विचारधारा से प्रभावित थी। उनके पास से ISIS से जुड़े झंडे और विस्फोटक सामग्री भी बरामद हुई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे एक बड़े कत्लेआम के इरादे से आए थे।
इस त्रासदी के बाद प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने स्वीकार किया कि सरकार को पहले ही और अधिक कड़े कदम उठाने चाहिए थे। उन्होंने अब ‘एंटी-सेमिटिज्म’ और नफरत फैलाने वाले भाषणों (Hate Speech) के खिलाफ एक व्यापक 13-सूत्रीय योजना को मंजूरी दी है।
नए कानूनों के तहत उन नफरत फैलाने वाले प्रचारकों और संगठनों पर सीधा निशाना साधा जाएगा जो हिंसा को बढ़ावा देते हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऑस्ट्रेलिया की धरती पर किसी भी ऐसी विचारधारा के लिए कोई जगह नहीं है जो समुदायों के बीच जहर घोलने का काम करती है।
नफरत को जड़ से खत्म करने के लिए ऑस्ट्रेलिया की सरकार अब शिक्षा व्यवस्था में भी बड़े बदलाव करने जा रही है। स्कूलों के पाठ्यक्रम में ‘होलोकॉस्ट’ (यहूदी जनसंहार) और नफरत के दुष्परिणामों पर विशेष पाठ शामिल किए जाएंगे।
इसके साथ ही, एक 12 महीने का विशेष टास्क फोर्स बनाया जाएगा जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर फैलने वाले कट्टरपंथ पर नजर रखेगा। ई-सेफ्टी कमिश्नर को अतिरिक्त शक्तियां दी जाएंगी ताकि सोशल मीडिया पर यहूदी-विरोधी सामग्री और नफरत भरे संदेशों को तुरंत हटाया जा सके।
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सरकार ने यहूदी समुदाय और उनके पूजा स्थलों (Synagogues) की सुरक्षा के लिए फंडिंग में भारी बढ़ोतरी की है। प्रधानमंत्री ने जिलियन सेगल की रिपोर्ट की सभी 49 सिफारिशों को लागू करने का वादा किया है।
इसके अलावा, गृह मंत्रालय को ऐसे लोगों के वीजा रद्द करने का अधिकार दिया जाएगा जो नफरत फैलाने वाली गतिविधियों में शामिल पाए जाएंगे। अल्बनीज ने कहा कि यह हमला ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय चरित्र पर प्रहार था और देश अब प्यार, सहानुभूति और सख्त कानून के साथ इस नफरत का जवाब देगा।