
ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका को जी20 2026 में नहीं बुलाने का ऐलान किया (सोर्स- सोशल मीडिया)
Trump Not Invited South Africa in G20 Summit 2026: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले साल अमेरिका के मियामी में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका को नहीं बुलाने का ऐलान किया है। 2026 का यह जी-20 सम्मेलन ट्रंप की अध्यक्षता में होगा। ट्रंप ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका जी-20 की सदस्यता के योग्य देश नहीं हैं। उनका आरोप है दक्षिण अफ्रीका में गोरे किसानों को मारा प्रताड़ित किया जा रहा है।
हाल ही में, 2024 में दक्षिण अफ्रीका ने जी-20 की अध्यक्षता संभाली थी और जोहान्सबर्ग में एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। यह पहली बार था जब यह सम्मेलन अफ्रीकी महाद्वीप पर हुआ। लेकिन इस सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मौजूद नहीं थे। ट्रंप ने कहा था कि जब तक दक्षिण अफ्रीका में मानवाधिकारों का उल्लंघन होता रहेगा, तब तक कोई अमेरिकी अधिकारी इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा।
ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका पर गोरे लोगों के खिलाफ हिंसा और उनके खेत जबरन छीनने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार अफ्रीकी लोगों और यूरोपीय वंशजों द्वारा किए गए मानवाधिकार हनन को नकारती है। इसके चलते ट्रंप ने कहा कि वे दक्षिण अफ्रीका को जी-20 की सदस्यता और मिलने वाले सभी आर्थिक सहयोग बंद कर देंगे।
ट्रंप ने यह भी कहा कि दक्षिण अफ्रीका ने जी-20 की अध्यक्षता के खत्म होने पर अमेरिकी दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी को प्रेसीडेंसी सौंपने से मना कर दिया। इसी वजह से उन्होंने 2026 के मियामी सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका को आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया। यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका की सरकार पर ऐसा आरोप लगाया हो। इससे पहले जब दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सीरिल रामाफोसा अमेरिका दौरे पर गए थे तब भी ट्रंप ने मीडिया के सामने उन पर इसी प्रकार के आरोप लगाए थे और उन्हें घेरने की कोशिश की थी।
वहीं, दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने ट्रंप के इन बयानों का जवाब देते हुए कहा है कि जी-20 की प्रेसीडेंसी के दौरान कई देशों के नेता वहां शामिल हुए और इसे सफल सम्मेलन बताया गया। वे खुद को जी-20 के नैतिक और संवैधानिक सदस्य मानते हैं। दक्षिण अफ्रीका ने कहा कि अमेरिका को सभी मीटिंग्स में भाग लेना चाहिए था, लेकिन उसने अपनी मर्जी से जोहान्सबर्ग समिट में हिस्सा नहीं लिया।
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दक्षिण अफ्रीका ने स्पष्ट किया कि वे एक स्वतंत्र और संवैधानिक लोकतंत्र हैं और अपने जी-20 सदस्यता और भूमिका का सम्मान चाहते हैं। वे किसी भी देश से अपमान सहन नहीं करेंगे और अपने वैश्विक मंच पर सक्रिय भागीदारी बनाए रखेंगे।






