थाईलैंड-कंबोडिया बॉर्डर पर धमाका, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
बैंकॉक: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संबंध मई से ही तनावग्रस्त बने हुए हैं। इसकी शुरुआत उस समय हुई जब सीमा पर हुई एक सशस्त्र झड़प में कंबोडिया का एक सैनिक मारा गया। यह झड़प एक छोटे से विवादित क्षेत्र को लेकर हुई, जिस पर दोनों देशों का दावा है। इस घटना के बाद दोनों देशों में राष्ट्रवादी भावनाएं तेज़ हो गईं और हालात और भी गंभीर हो गए।
इसी विवाद के चलते 1 जुलाई को थाईलैंड की प्रधानमंत्री को सीमा विवाद के समाधान को लेकर नैतिकता से जुड़े आरोपों की जांच के लिए निलंबित कर दिया गया।
थाई सेना के अनुसार, बुधवार को उबोन रत्चाथानी प्रांत में एक बारूदी सुरंग विस्फोट हुआ, जिसमें पांच सैनिक घायल हो गए, और एक जवान का पैर उड़ गया। वहीं, कंबोडिया का दावा है कि धमाका उसके प्रियह विहार प्रांत में हुआ। इससे पहले, पिछले सप्ताह भी एक विवादित क्षेत्र में बारूदी सुरंग के फटने से तीन थाई सैनिक घायल हुए थे, जिनमें से एक का पैर क्षतिग्रस्त हो गया था। थाईलैंड का कहना है कि ये सुरंगें हाल ही में बिछाई गई हैं और ऐसे मार्गों पर पाई गईं, जिन्हें दोनों देशों ने साझा गश्त के लिए सुरक्षित घोषित किया था। थाई अधिकारियों का यह भी आरोप है कि ये सुरंगें रूस में बनी हैं और थाई सेना के पास ऐसी सुरंगें नहीं हैं।
थाई सेना ने एक बयान जारी करते हुए कंबोडिया से इस घटना की जिम्मेदारी स्वीकार करने की मांग की है। सेना का कहना है कि यह घटना दोनों देशों की सीमा पर शांति और स्थायित्व के लिए एक गंभीर खतरा है। थाईलैंड ने कंबोडिया पर 1997 की ओटावा संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया है, जो बारूदी सुरंगों के निर्माण और उपयोग पर रोक लगाती है। थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायचाई ने कहा कि विदेश मंत्रालय कंबोडिया के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज करेगा और आगे की कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।
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कंबोडिया ने थाईलैंड के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह दावा निराधार है। कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचिता के अनुसार, विस्फोट कंबोडियाई सीमा के भीतर हुआ, जबकि थाई सैनिक 2000 में हुए आपसी समझौते का उल्लंघन करते हुए तय रास्तों से भटककर कंबोडिया की सीमा में दाखिल हो गए थे। कंबोडिया का यह भी कहना है कि सीमा क्षेत्र में मौजूद बारूदी सुरंगें हाल की नहीं हैं, बल्कि वे 20वीं सदी के संघर्षों और युद्धों के समय की बची हुई हैं।
गुरुवार को कंबोडिया के विदेश मंत्रालय ने थाईलैंड के सभी राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया और बैंकॉक में स्थित अपने दूतावास के स्टाफ को भी वापस बुला लिया है। मई में हुई झड़प के बाद दोनों देशों ने कई सीमा चौकियों को या तो पूरी तरह बंद कर दिया था या उनमें आवाजाही पर पाबंदी लगा दी थी। कंबोडिया ने थाईलैंड से फल, सब्जियां, गैस और ईंधन का आयात रोक दिया है। साथ ही, थाई फिल्मों और टीवी कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाया गया है और कुछ अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट व बिजली आपूर्ति लिंक भी बंद कर दिए गए हैं।