विजय दिवस पर शेख हसीना का संदेश (सोर्स- सोशल मीडिया)
Sheikh Hasina Victory Day: बांग्लादेश के विजय दिवस के अवसर पर देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम में पराजित हुईं ताकतें एक बार फिर सक्रिय हो गई हैं। यह वही युद्ध था जिसके बाद 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश ने पाकिस्तान से आजादी हासिल की थी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इस कठिन समय में भी मुक्ति संग्राम की भावना को मजबूती से थामे रखें।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विजय दिवस के अवसर पर जारी एक बयान में कहा कि आज दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि 1971 की हारी हुई ताकतें एक बार फिर से उभर आई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘भेदभाव विरोधी आंदोलन’ की आड़ में लोगों को धोखा दिया गया है, सुनियोजित तरीके से हिंसा फैलाई गई है और अवैध तरीके से सत्ता पर कब्जा किया गया है। उन्होंने याद दिलाया कि अवामी लीग के नेतृत्व में नौ महीने तक चले संघर्ष के बाद बांग्लादेश को बड़े बलिदानों के साथ जीत मिली थी।
शेख हसीना ने वर्ष 2024 में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इन विरोधों के दौरान सबसे पहला हमला बंगबंधु (शेख मुजीबुर रहमान) के घर धनमंडी 32 पर हुआ। यह ऐतिहासिक स्थान बांग्लादेश की आजादी की घोषणा और स्वतंत्रता संघर्ष की यादों से गहराई से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा, “पूरे देश में, बंगबंधु और मुक्ति संग्राम की मूर्तियों और स्मारकों को तोड़ दिया गया, मुक्ति संग्राम संग्रहालय को लूटा गया और यहां तक कि हत्या के मैदानों और स्मारकों को भी नहीं बख्शा गया।” यह स्पष्ट करता है कि इन ताकतों का मुख्य निशाना मुक्ति संग्राम की विरासत है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले करीब 17 महीनों से पूरे देश में अराजकता फैली हुई है और मुक्ति संग्राम को ही निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों पर शारीरिक हमले हो रहे हैं, राष्ट्रपिता के खिलाफ झूठा प्रचार किया जा रहा है और मुक्ति संग्राम की महानता को कमजोर दिखाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने चिंता जताई कि मुक्ति संग्राम की पीढ़ी को सबसे खराब पीढ़ी कहा जा रहा है और सजायाफ्ता युद्ध अपराधियों को रिहा कर दिया गया है।
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विजय दिवस पर बांग्लादेश की जनता को शुभकामनाएं देते हुए शेख हसीना ने स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लोगों से भावनात्मक अपील की कि वे इस कठिन समय में भी मुक्ति संग्राम की भावना और मूल्यों को मजबूती से थामे रखें। उन्होंने विश्वास जताया कि हारी हुई ताकतों को एक बार फिर पराजित किया जाएगा। पूर्व पीएम ने जोर देकर कहा, “हम हारी हुई ताकतों को एक बार फिर हराएंगे। ठीक वैसे ही जैसे 16 दिसंबर, 1971 को हुआ था, बांग्लादेश की जीत एक बार फिर अवामी लीग के नेतृत्व में होगी।”