शेख हसीना (सोर्स- सोशल मीडिया)
Sheikh Hasina Targeted Muhammad Yunus: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्वदेश लौटने की इच्छा जताई है, लेकिन इसके लिए उन्होंने कुछ शर्तें रखी हैं। उन्होंने कहा कि वे तभी लौटेंगी जब देश में भागीदारीपूर्ण लोकतंत्र बहाल हो, उनकी पार्टी अवामी लीग पर लगा प्रतिबंध हटाया जाए और स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा समावेशी चुनाव कराए जाएं। हसीना का यह बयान उस समय आया है जब अवामी लीग ने 13 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है।
शेख हसीना वर्तमान में भारत के एक गुप्त स्थान पर रह रहीं है। उन्होंने हाल ही में मीडिया से करते हुए अंतरिम सरकार और उसके प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर भारत के साथ संबंधों को कमजोर करने तथा चरमपंथी तत्वों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। हसीना ने कहा कि यूनुस की सरकार की नीतियां बांग्लादेश-भारत संबंधों को नुकसान पहुंचा रही हैं।
उन्होंने भारत के साथ अपने कार्यकाल में बनाए गए व्यापक और गहन रिश्तों की तुलना यूनुस सरकार की मूर्खतापूर्ण कार्रवाइयों से करते हुए कहा कि इन संबंधों की रक्षा करना दोनों देशों के हित में है। भारत सरकार को शरण देने के लिए धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि वे भारत और उसके लोगों के उदार आतिथ्य के लिए अत्यंत आभारी हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी वापसी की मुख्य शर्त वही है जो बांग्लादेश की जनता की मांग है लोकतंत्र की बहाली और अवामी लीग की पुनर्बहाली। उन्होंने कहा कि बिना अवामी लीग के कोई भी चुनाव वैध नहीं हो सकता, क्योंकि यह पार्टी देश की राजनीतिक प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने उन खबरों को खारिज किया जिनमें कहा गया था कि उन्होंने आगामी चुनावों के बहिष्कार की अपील की है।
यह भी पढ़ें: ‘जवाब दिए बिना नहीं रहेंगे…’, धमाके के बाद ख्वाजा आसिफ ने दिया अटैक की धमकी, तालिबान में हड़कंप
हसीना ने यूनुस सरकार पर भारत विरोधी और आत्मघाती कूटनीतिक नीतियां अपनाने का आरोप लगाया, जिससे दोनों देशों के संबंध खतरे में पड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि यूनुस की नीतियां न केवल अव्यवहारिक हैं बल्कि यह उन्हें एक कमजोर और अस्थिर नेता के रूप में पेश करती हैं, जो बिना जनादेश के सत्ता में हैं और चरमपंथी ताकतों के सहारे चल रहे हैं। हसीना ने उम्मीद जताई कि जल्द ही अवामी लीग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया जाएगा और बांग्लादेश में फिर से लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल होगी।