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चीन की खोज से दुनिया दंग! वैज्ञानिक बोले- धरती के नीचे अंधेरे में पल रही है रहस्यमयी जिंदगी

Deep Earth life: चीन और कनाडा के वैज्ञानिकों की संयुक्त रिसर्च में एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है। उनके मुताबिक, पृथ्वी की गहराइयों में भी जीवन मौजूद है और वह जीवन लगातार विकसित हो रहा है।

  • By अमन उपाध्याय
Updated On: Aug 05, 2025 | 06:20 AM

चीन की खोज से दुनिया दंग, फोटो (सो.सोशल मीडिया)

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Hidden biosphere Earth: वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह और अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज को लेकर कई दावे किए हैं। एलियंस के अस्तित्व को लेकर भी विभिन्न अनुमान लगाए जा रहे हैं। अधिकांश वैज्ञानिक इस बात से सहमत हैं कि पृथ्वी से परे अंतरिक्ष में निश्चित रूप से जीवन मौजूद है या फिर उसकी संभावना है। दुनिया भर की अंतरिक्ष एजेंसियां इस दिशा में शोध कर रही हैं। लेकिन चीन ने एक ऐसा अद्भुत खोज की है जो पहले के सभी अनुमानों से परे है।

चीनी वैज्ञानिकों ने कनाडा के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर पृथ्वी की सतह के नीचे गहरे अंधेरे में जीवन के साक्ष्य खोज निकाले हैं। यह वह स्थान है जहां सूर्य का प्रकाश कभी नहीं पहुंचा। शोध में दावा किया गया है कि पृथ्वी की गहराई में पाया जाने वाला यह जीवन भूकंपों से मिलने वाली ऊर्जा का उपयोग करता है, जो हमारे आसपास अक्सर आते रहते हैं।

एक विशाल और सक्रिय जैवमंडल की खोज

पारंपरिक विज्ञान की सीमाओं को चुनौती देती एक नई खोज ने हाल ही में वैज्ञानिक समुदाय में चर्चा छेड़ दी है। अब तक यह मान्यता थी कि पृथ्वी की सतह से कई किलोमीटर नीचे जीवन संभव नहीं है, लेकिन ताजा शोध ने इस धारणा को बदल दिया है। वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के आंतरिक भाग में एक विशाल और सक्रिय जैवमंडल की खोज की है।

अध्ययन के अनुसार, पृथ्वी की गहराइयों में प्रोकैरियोट्स की इतनी बड़ी संख्या मौजूद है कि यह पृथ्वी पर मौजूद कुल जैविक संरचना का लगभग 95% तक हो सकती है। प्रोकैरियोट्स एककोशिकीय जीव होते हैं, जिनमें झिल्ली-युक्त कोशिकांग (organelles) नहीं पाए जाते। यह खोज पृथ्वी के जीवन के बारे में हमारी समझ को पूरी तरह बदल सकती है।

इस तरह मिलता है जीवों को उर्जा

चीनी विज्ञान अकादमी के गुआंगझोउ इंस्टीट्यूट ऑफ जियोकेमिस्ट्री (GIG) के प्रोफेसर झू जियानक्सी, हे होंगपिंग और कनाडा की अल्बर्टा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कर्ट कोनहॉसर ने एक शोध के माध्यम से इस प्रश्न का उत्तर खोजने का प्रयास किया है। यह अध्ययन ‘साइंस एडवांसेज’ जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोध में पाया गया कि पृथ्वी पर होने वाली भूकंपीय गतिविधियां कुछ विशेष जीवों के लिए ऊर्जा स्रोत का कार्य करती हैं, जिससे उनका जीवनचक्र संचालित होता है।

धरती के नीचे अंधेरे में पल रही है रहस्यमयी जिंदगी

प्राकृतिक बैटरी की तरह करती है काम

वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी की गहराई में, जहां सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती, वहां चट्टानों और पानी के बीच होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाएं ऊर्जा पैदा करती हैं। यह ऊर्जा एक तरह की प्राकृतिक बैटरी की तरह काम करती है, जो इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह को संभव बनाती है। ऐसा माना जाता है कि यह प्रक्रिया जीवन के आरंभ में अहम भूमिका निभा सकती है।

यह भी पढे़ें:-  ‘यूक्रेन वॉर में भारत कर रहा रूस को फंडिंग…’ ट्रंप के करीबी ने लगाए गंभीर आरोप

अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में पृथ्वी के सबसे सामान्य सिलिकेट खनिज, क्वार्ट्ज, का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि जब चट्टानें टूटती हैं, तो उनकी सतह पानी के संपर्क में आती है, जिससे रासायनिक प्रतिक्रिया होती है। इस प्रतिक्रिया में फ्रैक्चर (दरारें) पानी के अणुओं को तोड़ देते हैं, जिससे हाइड्रोजन गैस और प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियाँ उत्पन्न होती हैं।

धरती की गहराई में जीवन के लिए अनुकूल वातावरण

वैज्ञानिकों का मानना है कि गहराई में मौजूद जीवन पराबैंगनी विकिरण, क्षुद्रग्रहों के प्रभाव या अन्य विनाशकारी घटनाओं से सुरक्षित रहता है। यह वातावरण जीवन की उत्पत्ति और विकास के लिए उपयुक्त हो सकता है।

इसके अलावा, शोध में यह भी पाया गया कि एक मध्यम तीव्रता का भूकंप भी हाइड्रोजन उत्पन्न कर सकता है, जो अत्यधिक तापमान और दबाव में पानी और अल्ट्रामैफिक चट्टानों के बीच रासायनिक प्रतिक्रिया से बनता है। यह ऊर्जा गहरे समुद्र या जमीन के नीचे रहने वाले सूक्ष्मजीवों को जीवित रखने में मदद कर सकती है। इस खोज से पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति और उसके विकास के बारे में नए सिद्धांत सामने आ सकते हैं।

Scientists shocked by china discovery mysterious life thrives in earths deep darkness

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Published On: Aug 05, 2025 | 06:20 AM

Topics:  

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