रूस ने एक हफ्ते में यूक्रेन पर 1300 ड्रोन, 1200 गाइडेड बम बरसाए (सोर्स-सोशल मीडिया)
Russian Glide Bomb Attacks: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अब एक ऐसे भीषण मोड़ पर आ गया है जहां शांति की बातें और बमों की आवाजें एक साथ सुनाई दे रही हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूसी सेना द्वारा किए गए हालिया हमलों के डरावने आंकड़े जारी करते हुए दुनिया से मदद की गुहार लगाई है।
रूस ने न केवल ऊर्जा ठिकानों को बल्कि रिहायशी इलाकों और बंदरगाहों को भी निशाना बनाया है, जिससे मानवीय संकट गहरा गया है। एक तरफ ओडेसा में लाशें बिछ रही हैं, तो दूसरी तरफ मियामी में अमेरिका की मध्यस्थता में युद्ध खत्म करने के लिए ‘कन्स्ट्रक्टिव’ बातचीत का दावा किया जा रहा है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के मुताबिक, पिछले सात दिनों में रूस ने उनके देश पर लगभग 1,300 अटैक ड्रोन, 1,200 गाइडेड एरियल बम और 9 शक्तिशाली मिसाइलें दागी हैं। इन हमलों ने यूक्रेन के दक्षिण हिस्से, खासकर ओडेसा क्षेत्र को बुरी तरह झकझोर दिया है। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि रूस कूटनीति के बजाय खून-खराबे का रास्ता चुन रहा है।
हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि यूक्रेन को यूरोपीय परिषद से 2026-27 के लिए 90 बिलियन यूरो की आर्थिक मदद की मंजूरी मिल गई है, जो रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में काम आएगी।
रूस के इन हवाई हमलों का सबसे बुरा असर ओडेसा के बंदरगाह शहर पर पड़ा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ओडेसा के पिवडेने बंदरगाह पर हुई मिसाइल और ड्रोन स्ट्राइक में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई और 27 अन्य घायल हो गए।
हमले के समय एक बस और कई ट्रक वहां खड़े थे, जो आग की चपेट में आ गए। पिछले 9 दिनों से ओडेसा लगातार रूसी टारगेट पर है, जिसके कारण शहर की बिजली और हीटिंग व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। कड़ाके की ठंड में लाखों लोग बिना बिजली के रहने को मजबूर हैं।
जंग के मैदान में धुआं उठ रहा है, तो दूसरी तरफ अमेरिका के मियामी में कूटनीति की मेज सजी है। रूसी राष्ट्रपति के विशेष दूत किरिल दिमित्रिएव ने दावा किया है कि यूक्रेन में शांति समझौते के लिए चल रही बातचीत ‘रचनात्मक’ दिशा में बढ़ रही है।
इस गुप्त लेकिन महत्वपूर्ण बैठक में डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और जेरेड कुशनर शामिल हैं। हालांकि, जेलेंस्की ने इस त्रिपक्षीय वार्ता को लेकर संदेह जताया है और कहा है कि जब तक यूक्रेन को ठोस सुरक्षा गारंटी नहीं मिलती, तब तक किसी भी समझौते का कोई मतलब नहीं है।
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यूक्रेन को वर्तमान में नॉर्वे और जापान से बड़े सहायता पैकेज मिले हैं और पुर्तगाल के साथ समुद्री ड्रोन बनाने का समझौता भी हुआ है। जेलेंस्की का मानना है कि रूस को यह समझना होगा कि युद्ध से कोई लाभ नहीं मिलने वाला है।
उन्होंने जोर दिया कि यूक्रेन अपनी रक्षा क्षमताओं को इतना मजबूत करेगा कि हमलावर को मजबूरन शांति की मेज पर आना पड़े। फिलहाल, मियामी की शांति वार्ता और ओडेसा के युद्धक्षेत्र के बीच यूक्रेन का भविष्य अधर में लटका हुआ है।