सांकेतिक तस्वीर, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
Bangladesh News in Hindi: बांग्लादेश के सबसे बड़े बंदरगाह चटगांव पर संदिग्ध रेडियोधर्मी पदार्थ पहुंचने का मामला सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, 10 अगस्त को दोपहर में एक अलार्म सिस्टम ने एमवी माउंट कैमरून नामक मालवाहक जहाज के छह कंटेनरों में रेडियोधर्मी पदार्थ का पता लगाया। यह जहाज ब्राजील से लोहे के स्क्रैप लेकर चटगांव बंदरगाह पर पहुंचा था और इससे पहले श्रीलंका के कोलंबो में रुका था।
चटगांव बंदरगाह प्राधिकरण के सूत्रों ने बताया कि छह कंटेनर 3 अगस्त को सीमा शुल्क विभाग के पास से गुजरे थे, लेकिन 10 अगस्त को बंदरगाह के जनरल कार्गो बर्थ टर्मिनल के जेटी नंबर 9 पर अलार्म बजा। बंदरगाह अधिकारियों ने जांच की तो कंटेनरों में रेडियोधर्मी पदार्थ मिलने की पुष्टि हुई।
अलार्म बजने के समय, बांग्लादेश के नौवहन मंत्रालय के सलाहकार ब्रिगेडियर शखावत हुसैन (सेवानिवृत्त), मातरबारी पोर्ट अथॉरिटी के प्रमुख जाकिर हुसैन, सीपीए के अध्यक्ष रियर एडमिरल एसएम मोनिरुज्जमां और बीआईडीए के मैनेजिंग डायरेक्टर आशिक महमूद बिन हारून बंदरगाह पर मौजूद थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, छहों कंटेनरों को अलग कर दिया गया और उन्हें एमवी माउंट कैमरून जहाज के जरिए कॉक्स बाजार के मातरबारी बाहरी बंदरगाह पर भेजा गया। बंदरगाह प्राधिकरण ने कंटेनरों की जांच के लिए बांग्लादेश परमाणु ऊर्जा आयोग को सूचना दी। ये कंटेनर ढाका में स्थित अल अक्सा स्टील मिल्स लिमिटेड द्वारा आयात किए गए थे, जिनमें करीब 135 टन स्क्रैप धातु मौजूद थी।
सूत्रों के अनुसार, चटगांव कस्टम हाउस ने पुष्टि की है कि पोर्ट पर लगे रेडिएशन डिटेक्शन सिस्टम ने कुछ कंटेनरों में रेडियोधर्मी पदार्थ पाए हैं। जांच के पहले दो चरणों में थोरियम-232, रेडियम-226 और इरिडियम-192 नामक तीन रेडियोन्यूक्लाइड तत्व मिले हैं। प्रारंभिक परीक्षणों में रेडियोधर्मिता का स्तर कम मिला है, लेकिन बिना आगे की जांच के सही विकिरण स्तर तय नहीं किया जा सकता। कंटेनरों की स्टील की दीवारें और अंदर रखा स्क्रैप विकिरण माप को प्रभावित कर सकता है।
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रेडियोधर्मी पदार्थ का बांग्लादेश में पहली बार 2014 में पता चला था, जब चटगांव बंदरगाह से भारत भेजे जाने वाले स्टेनलेस स्टील के स्क्रैप की एक खेप को श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पर रेडियोधर्मी संदिग्धता के कारण रोक लिया गया था। उसके बाद जहाज को वापस चटगांव ले जाया गया, जहां चार देशों के विशेषज्ञों की टीम ने कंटेनर से रेडियम-बेरिलियम स्रोत को सुरक्षित रूप से निकाल दिया।