राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी (सोर्स- सोशल मीडिया)
Putin Delhi Visit Schedule: व्लादिमीर पुतिन आज 4 दिसंबर 2025 को दो दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं। यह दौरा भारत और रूस के बीच 78 साल पुरानी दोस्ती को और मजबूत करेगा, जिसने राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से हर संकट में एक-दूसरे का साथ दिया है। इस शिखर बैठक में रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने और बढ़ते व्यापार घाटे को संतुलित करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। राष्ट्रपति पुतिन के साथ 7 कैबिनेट मंत्रियों का आना इस यात्रा के उच्च महत्व को दर्शाता है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय यात्रा पर गुरुवार, 4 दिसंबर 2025 को भारत पहुंच रहे हैं। उनका आगमन शाम 6:40 बजे नई दिल्ली में होगा, जिसके तुरंत बाद वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच 1947 में स्थापित हुए 78 साल पुराने राजनयिक संबंधों को एक नई ऊंचाई देगी। भारत और रूस दशकों से एक-दूसरे के मजबूत मित्र रहे हैं, खासकर रक्षा क्षेत्र में सहयोग की शुरुआत 1950-1960 के दशक में हुई थी। यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिका के साथ भारत के संबंधों में कुछ तनाव दिख रहा है, जिससे रूस के साथ संबंध मजबूत करना और भी अहम हो जाता है।
राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के मद्देनजर दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया गया है। पुतिन दुनिया के उन नेताओं में से हैं जिन्हें सबसे ज्यादा सुरक्षा दी जाती है। उनकी सुरक्षा में किसी भी चूक से बचने के लिए भारत और रूस की खूफिया एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। रूसी राष्ट्रपति की निजी सुरक्षा टीम कई दिन पहले ही दिल्ली पहुंचकर एयरपोर्ट, होटल और मीटिंग वेन्यू की जांच कर चुकी है। दिल्ली पुलिस, SPG और केंद्रीय एजेंसियां पूरी तरह से अलर्ट हैं।
इस दौरे को खास बनाने वाली बात यह भी है कि पुतिन के साथ रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव सहित कुल 7 कैबिनेट मंत्री आ रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में रोसोबोरोन एक्सपोर्ट के अधिकारी, सेंट्रल बैंक के गवर्नर, कृषि मंत्री, वित्त मंत्री और आर्थिक विकास मंत्री भी शामिल हैं।
पुतिन का कार्यक्रम 5 दिसंबर को बहुत व्यस्त रहेगा। वह सबसे पहले राष्ट्रपति भवन जाएंगे, फिर राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। मुख्य कार्यक्रम हैदराबाद हाउस में होने वाली 23वीं भारत-रूस शिखर बैठक है। इसके बाद, वह भारत मंडपम में व्यापार जगत के नेताओं (Business Leaders) से मुलाकात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, उसी शाम डिनर के बाद पुतिन सीधे एयरपोर्ट से अपने देश के लिए रवाना हो सकते हैं। इस दौरे के दौरान भारत और रूस के बीच 10 इंटरगर्वमेंटल और 15 कमर्शियल समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।
शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन के बीच दो महत्वपूर्ण बैठकें होंगी, जिनमें से एक क्लोज-डोर मीटिंग होगी। चर्चा के मुख्य एजेंडे में रक्षा सहयोग और व्यापार घाटा शामिल है। भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की बड़ी मात्रा में खरीद के कारण उत्पन्न हुए व्यापार घाटे का मुद्दा भारत की ओर से उठाया जा सकता है।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के बीच होने वाली वार्ता में S-400 मिसाइल प्रणाली की अतिरिक्त खेप की खरीद और सुखोई 30 लड़ाकू विमानों के अपग्रेड पर खास ध्यान दिया जाएगा। भारत-रूस यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर भी बातचीत कर सकते हैं। इसके अलावा, उर्वरक आपूर्ति (रूस प्रतिवर्ष 30-40 लाख टन उर्वरक देता है), शिक्षा, कृषि और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में भी कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।