शी जिनपिंग, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
कजानः रुस के कजान शहर में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आज दूसरा दिन है। इस सम्मेलन में सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष भाग ले रहे हैं। ब्रिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। इस सम्मेलन की दो बैठकों में आज प्रधानमंत्री शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने डिप्लोमेसी, डॉयलॉग, जंग और आतंकवाद जैसे प्रमुख मुद्दों पर अपनी बात रखी। खास बात है कि भारत-चीन के रिश्ते ठीक नहीं है। जिसके चलते दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों की लंबे समय से मुलाकात नहीं हुई थी।
गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद (5 वर्ष) बाद पहला मौका है, जब चीन और भारत के राष्ट्राध्यक्ष एक मंच पर अपनी बात रख रहे हैं और इस दौरान वन टू वन मीटिंग भी हो रही है। 21 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने पर सहमति बनी है।
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प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि ‘BRICS’ देशों को आतंकवाद के खिलाफ एक साथ लड़ना होगा। इस पर दोहरा रवैया नहीं होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं और जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को परास्त किया। उसी तरह हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित, सशक्त और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
1. भारत जंग नहीं बल्कि कूटनीति और बातचीत के समर्थन में है।
2.UPI भारत की एक बहुत बड़ी उपल्बधि है। ब्रिक्स देशों के साथ भारत UPI की तकनीकी साझा करने को तैयार है।
3. मिशन लाइफ- एक पेड़ मां के नाम से जुड़ने के लिए ब्रिक्स देशों आमंत्रित करता हूं।
4.डिजिटल हेल्थ में भारत ने बहुत अच्छा काम किया है। इसे ब्रिक्स देशों के साथ शेयर करने में हमें खुशी होगी।
प्रधानमंत्री ने दो नए देशों का स्वागत करते हुए कहा कि ब्रिक्स देशों के 40 प्रतिशत लोग 30 प्रतिशत इकोनॉमी का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं। पिछले 20 वर्षों में इस संगठन ने अनेकों उपलब्धियां हांसिल की है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि आगे वैश्विक चुनौतियों का ब्रिक्स देश मिलकर मजबूती से सामना करेंगे।
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पीएम ने अन्य वैश्विक समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि मौजूदा वक्त में दुनिया युद्ध, आर्थिक संकट, क्लाइमेट चेंज और आतंकवाद जैसे चुनौतियों से जूझ रही है। तकनीक के इस दौर में साइबर सिक्योरिटी, डीप फेक जैसी अलग चुनौतियां हैं। ऐसी स्थिति में BRICS को लेकर कई उम्मीदें हैं।
वहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया उथल-पुथल भरे बदलावों से गुजर रीह है। ब्रिक्स देशों को शांति बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने गाजा और लेबनान को लेकर कहा कि हमें सीजफायर के लिए दबाव बनाना होगा। साथ ही यूक्रेन संकट को लेकर कहा कि जल्द ही समाधान निकलेगा। BRICS देशों के साथ ग्रीन इंडस्ट्री, क्लीन एनर्जी और ग्रीन मिनरल के लिए सहयोग बढ़ाने को चीन तैयार है। साथ ही हमें आपसी सहयोग बढ़ाने की जरूरत है। ब्रिक्स में ग्लोबल साउथ देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ाना होगा।