पहली बार खुलकर बोले पाकिस्तानी रक्षा मंत्री, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Pakistan Latest News Hindi: पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास में सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई की निर्णायक भूमिका किसी से छिपी नहीं रही है। देश की सत्ता का रिमोट कंट्रोल वर्षों से वर्दीधारियों के हाथ में रहा है, लेकिन आमतौर पर इसके संकेत परोक्ष रूप से ही सामने आते रहे हैं।
अब पहली बार पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुलकर यह स्वीकार किया है कि देश की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में सेना और आईएसआई का सीधा दखल रहा है।
सियालकोट में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ख्वाजा आसिफ ने बड़ा आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को वर्ष 2017 में सत्ता से हटाने की पूरी साजिश पूर्व आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) फैज हमीद की देखरेख में रची गई थी। उन्होंने कहा कि फैज हमीद के खिलाफ 15 महीने तक चले ट्रायल में उन्हें दोषी ठहराया गया है और आने वाले समय में उन पर और भी गंभीर आरोप लग सकते हैं, जिन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि नवाज शरीफ को हटाना, उनके खिलाफ केस दर्ज करना उन्हें देश से बाहर भेजना और बाद में इमरान खान को सत्ता में लाना यह सब एक सोची-समझी योजना का हिस्सा था। उन्होंने इसे प्रोजेक्ट इमरान करार देते हुए कहा कि फैज हमीद इसके इंचार्ज थे और 2018 के आम चुनावों में उनकी भूमिका सबसे अहम रही।
ख्वाजा आसिफ ने आरोप लगाया कि पीटीआई सरकार के दौरान फैज हमीद ने राजनीतिक विरोधियों को डराने और जेल में डालने में सक्रिय भूमिका निभाई। उनके मुताबिक, इमरान खान का राजनीतिक विजन फैज हमीद के माध्यम से ही लागू किया गया और इस पूरे प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा लाभार्थी इमरान खान ही थे।
मंत्री ने इस दौर को पाकिस्तान के इतिहास का शर्मनाक अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि एक ही दिमाग से नवाज शरीफ और उनके परिवार को निशाना बनाया गया, पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेल भेजा गया और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया गया। उनके शब्दों में, “उस दिमाग का नाम जनरल फैज था।”
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ख्वाजा आसिफ ने यह भी खुलासा किया कि फैज हमीद के आईएसआई प्रमुख रहते हुए संसद को कानून बनाने तक के निर्देश दिए जाते थे और देश के अहम फैसले प्रधानमंत्री आवास के पीछे से तय होते थे। उन्होंने कहा कि जब फैज हमीद का ट्रांसफर हुआ तो इमरान खान की सत्ता का आधार भी कमजोर होने लगा।
रक्षा मंत्री ने 9 मई की हिंसा को लेकर भी फैज हमीद पर आरोप लगाते हुए कहा कि बतौर कॉर्प्स कमांडर उन्होंने इमरान खान को समर्थन देना जारी रखा और दंगों की योजना भी उन्हीं की थी। ख्वाजा आसिफ का यह बयान पाकिस्तान की सत्ता संरचना पर एक बड़ा कबूलनामा माना जा रहा है, जो अयूब खान, याह्या खान, जिया-उल-हक और परवेज मुशर्रफ के दौर की याद दिलाता है जब सेना ने सीधे या परोक्ष रूप से देश पर शासन किया।