PAK-तालिबान वार्ता फिर नाकाम, फोटो ( सो. सोशल मीडिया)
Pakistan Afghanistan Tension: पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच तीसरे दौर की शांति वार्ता एक बार फिर बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हो गई है। ‘सीमा पार आतंकवाद’ और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे मुद्दों पर कोई सहमति नहीं बन सकी। इस वार्ता का आयोजन गुरुवार से दो दिनों तक हुआ, लेकिन इसमें काबुल से किसी लिखित प्रतिबद्धता की प्राप्ति नहीं हो सकी।
टीटीपी के उग्रवादी लंबे समय से अफगानिस्तान की धरती का उपयोग कर पाकिस्तान पर हमले करने के आरोप झेल रहे हैं। पाकिस्तान ने वार्ता में यह शर्त रखी थी कि काबुल लिखित रूप से यह आश्वासन दे कि उसकी धरती का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होगा। हालांकि, अफगान प्रतिनिधिमंडल ने केवल मौखिक आश्वासन देने की बात कही, जिसे इस्लामाबाद ने सिरे से खारिज कर दिया।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक निजी टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में पुष्टि की कि वार्ता अब “अनिश्चितकालीन रूप से स्थगित” कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पूर्ण गतिरोध है। चौथे दौर की कोई योजना नहीं है। आसिफ ने यह भी जोड़ा कि तुर्की और कतर जैसे देशों ने ईमानदारी से मध्यस्थता की लेकिन अंततः वे भी निराश हुए। अगर कोई उम्मीद बची होती तो वे हमें रुकने को कहते, लेकिन हमारा खाली हाथ लौटना ही संकेत है कि काबुल भी तैयार नहीं।
आसिफ ने जोर दिया कि पाकिस्तान केवल औपचारिक लिखित समझौते को स्वीकार करेगा न कि मौखिक वादों को। उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय वार्ता है यहां मौखिक आश्वासनों की कोई जगह नहीं।
दूसरी ओर, वार्ता के विफल होने के बाद पाकिस्तान ने अपने नागरिकों और सीमाओं की सुरक्षा के लिए “ठोस कदम” उठाने की चेतावनी दी है। सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तरार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि आतंकवाद पर नियंत्रण के अपने अंतरराष्ट्रीय वादों को निभाने की जिम्मेदारी अफगान तालिबान की है, लेकिन वे इसमें असफल रहे हैं।
तरार ने कहा कि पाकिस्तान अफगान जनता के खिलाफ नहीं है लेकिन तालिबान शासन के उन कदमों का समर्थन नहीं करेगा जो क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए खतरा बनें उन्होंने साफ किया कि इस्लामाबाद “शांति चाहता है, लेकिन अगर हमला हुआ तो जवाबी कार्रवाई तय है।”
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मौजूदा गतिरोध से यह साफ है कि अफगान तालिबान और पाकिस्तान के बीच भरोसे की खाई गहराती जा रही है। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है, खासकर तब जब पाकिस्तान ने अफगान सीमा से किसी भी हमले का “सख्त जवाब” देने की चेतावनी दे दी है।