पोप फ्रांसिस व नास्त्रेदमस (सोर्स- सोशल मीडिया)
इंटरनेशनल डेस्क: रोमन कैथोलिक ईसाई चर्च के सर्वोच्च धार्मिक नेता पोप फ्रांसिस का लंबी बीमारी के बाद 21 अप्रैल 2025 को निधन हो गया। उन्होंने सुबह 7:35 बजे अंतिम सांस ली। वेटिकन के कैमरलेंगो कार्डिनल केविन फैरेल ने आधिकारिक तौर पर उनके निधन की घोषणा करते हुए कहा, “आज सुबह, रोम के बिशप फ्रांसिस अपने स्वर्गीय घर लौट आए।”
266वें पोप के रूप में सेवा करने वाले पोप फ्रांसिस वेटिकन सिटी के प्रमुख भी थे। उनका जन्म का नाम जॉर्ज मारियो बर्गोलियो था और उन्हें 13 मार्च 2013 को पोप चुना गया था। वे इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी और पहले जेसुइट पोप थे, जिन्होंने करुणा, समानता और पर्यावरण संरक्षण के अपने संदेश से दुनिया भर में पहचान बनाई।
पोप फ्रांसिस के निधन के साथ ही प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई हैं। माना जा रहा है कि आज उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘लेस प्रोफेसीज’ में की गई कई भविष्यवाणियों में से एक सच हो गई है। इससे पहले लंदन में आग, हिटलर का उदय, अमेरिका में 9/11 का आतंकी हमला और कोविड-19 महामारी के बारे में उनकी भविष्यवाणियां सच साबित हुई हैं।
फ्रांस के प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने एक भविष्यवाणी में लिखा था कि, “एक बहुत बूढ़े पोप की मृत्यु के बाद, एक युवा रोमन पोप चुना जाएगा। लोग कहेंगे कि वह अपने सिंहासन को कमजोर कर रहा है, लेकिन वह बिना रुके आगे बढ़ता रहेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “पवित्र रोमन चर्च के अंतिम उत्पीड़न के दौरान ‘रोमन पीटर’ नाम का व्यक्ति पोप बनेगा। वह अपने लोगों को कई संघर्षों में शामिल करेगा। जब यह सब खत्म हो जाएगा, तो सात पहाड़ियों का शहर नष्ट हो जाएगा और एक भयानक न्यायाधीश लोगों का न्याय करेगा।”
इस भविष्यवाणी में “रोमन पीटर” के उल्लेख ने एक बहस छेड़ दी है कि क्या अगला पोप वास्तव में रोम से होगा या यह एक प्रतीकात्मक नाम है जो एक ऐसे नेता की ओर इशारा करता है जिसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। वहीं, “सात पहाड़ियों के शहर” का जिक्र रोम और वेटिकन में संभावित उथल-पुथल का संकेत देता है।
देश और दुनिया की सभी बड़ी ख़बरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
नास्त्रेदमस ने अपनी किताब में तीसरे विश्व युद्ध के बारे में भी भविष्यवाणी की है। उन्होंने लिखा है, “एक देश में जनक्रांति के कारण नया नेता सत्ता संभालेगा, दूसरे देश में नया पोप बैठेगा और चीन चर्च के खिलाफ युद्ध छेड़ेगा। नया धर्म (इस्लाम) इटली और फ्रांस तक पहुंचेगा, चर्च के खिलाफ कहर बरपाएगा और फिर तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो जाएगा।”