बेंजामिन नेतन्याहू फोटो (सो. सोशल मीडिया)
तेल अवीव : इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि गाजा पट्टी में हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की वापसी से संबंधी समझौते को लेकर सहमति बन गई है। वहीं यह घोषणा नेतन्याहू के कार्यालय द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद की गई कि गाजा में युद्ध विराम और फलस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले बंधकों को मुक्त करने के लिए वार्ता में अंतिम समय में रुकावटें आईं।
इस बाबत नेतन्याहू ने कहा कि वह समझौते को मंजूरी देने के लिए शुक्रवार को सुरक्षा मंत्रीमंडल की बैठक बुलाएंगे और फिर सरकार इस समझौते को मंजूरी देगी। इजराइल ने लंबे समय से बहुप्रतीक्षित युद्धविराम समझौते पर बीते गुरुवार को मंत्रीमंडल में होने वाला मतदान टाल दिया था। इस समझौते के तहत गाजा पट्टी में युद्ध रोका जाएगा और दर्जनों बंधकों की रिहाई सुनिश्चित हो सकेगी।
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हालांकि नेतन्याहू कैबिनेट के दो मंत्री बेजेल स्मोट्रिच और इटमार बेन ग्वीर इस समझौते के खिलाफ हैं। उनका यह मानना है कि इजरायल को लड़कर हमास के कब्जे से बंधकों को छुड़ाना चाहिए। नेतन्याहू अब अपने इन मंत्रियों को मनाने में लगे हैं। स्मोट्रिच और बेन ग्वीर का मानना है कि, इस समझौते से न केवल यह कि इससे सभी बंधकों की रिहाई नहीं होगी, बल्कि इससे उन शेष बंधकों का भाग्य भी अनिश्चित हो जाएगा जो सौदे में फिलहाल शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इससे युद्ध का ही अंत हो जाएगा, जबकि हमास को अभी तक पराजित नहीं किया जा सका है।
इस बीच, युद्धग्रस्त क्षेत्रों में हुए इजराइली हमलों में कम से कम 72 लोग मारे गए। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने समझौता मंजूरी में देरी के लिए हमास के साथ अंतिम समय में हुए विवाद को जिम्मेदार ठहराया, क्योंकि नेतन्याहू की सरकार के गठबंधन में बढ़ते तनाव ने समझौते के कार्यान्वयन में संकट पैदा कर दिया था।
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इससे एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रमुख मध्यस्थ कतर ने घोषणा की थी कि समझौता पूरा हो गया है। हमास ने बीते 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमला कर दिया था, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 250 अन्य को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद इजराइल ने जवाबी हमले किए, जिसमें फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार 46 हजार से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)