बंगाल हिंसा की एक तस्वीर, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा की घटनाएं लगातार जारी हैं। ताजा मामला खुलना शहर से सामने आया है, जहां सोमवार को नेशनल सिटिजन्स पार्टी (एनसीपी) के केंद्रीय श्रमिक संगठन के नेता मोहम्मद मोतालेब सिकदर को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनकी हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है।
बता दें कि अंतरिम सरकार पहले से ही भारी दबाव में है। उस्मान हादी की हत्या के बाद देश में व्यापक हिंसा फैल गई थी और मजबूत होते कट्टरपंथी तत्वों ने शनिवार को ही सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। इसमें हत्या के जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी में “स्पष्ट प्रगति” की मांग की गई थी। इसके ठीक अगले दिन यानी रविवार को बांग्लादेश पुलिस ने कहा कि हादी की हत्या के मुख्य संदिग्ध के ठिकाने को लेकर फिलहाल उसके पास कोई “ठोस जानकारी” नहीं है। ऐसे में साफ है कि सरकार और पुलिस पहले ही बैकफुट पर थीं। अब एक और हाई-प्रोफाइल नेता पर हमला अंतरिम सरकार पर दबाव और बढ़ा सकता है और हिंसा को दोबारा भड़का सकता है।
गौरतलब है कि 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में एक चुनावी अभियान के दौरान नकाबपोश हमलावरों ने उस्मान हादी को सिर में गोली मार दी थी। सिंगापुर में इलाज के दौरान बृहस्पतिवार को उनकी मौत हो गई। उनकी मृत्यु के बाद पूरे बांग्लादेश में हमलों और तोड़फोड़ की घटनाएं देखने को मिलीं।
इसी बीच न्यूज एजेंसी ANI को दिए एक ईमेल इंटरव्यू में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आरोप लगाया कि उनके शासन को गिराने वाली “अराजकता” मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की सरकार में कई गुना बढ़ गई है। उन्होंने कहा, “यूनुस ने चरमपंथियों को कैबिनेट पदों पर जगह दी है, दोषी आतंकवादियों को जेल से रिहा किया है और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से जुड़े समूहों को सार्वजनिक जीवन में भूमिका निभाने की छूट दी है।”
यह भी पढ़ें- Osman Hadi को किसने मारा? कौन है मुख्य आरोपी मसूद और क्यों नहीं मिल रहा उसका सुराग?
शेख हसीना ने कहा, यह दुखद हत्या उस अराजकता को दर्शाती है जिसने मेरी सरकार को उखाड़ फेंका और यूनुस के तहत इसे कई गुना बढ़ा दिया है। हिंसा अब आदर्श बन गई है, जबकि अंतरिम सरकार या तो इससे इनकार करती है या इसे रोकने में असमर्थ है। ऐसी घटनाएं न केवल बांग्लादेश को आंतरिक रूप से अस्थिर करती हैं, बल्कि हमारे पड़ोसियों के साथ संबंधों को भी अस्थिर कर देती हैं, जो इसे चिंता की नजरों से देख रहे हैं।