
शहबाज शरीफ, आसिम मुनीर (सोर्स- सोशल मीडिया)
Shehbaz on Pakistan Military Power: भारत से ऑपरेशन सिंदूर में करारी हार के बाद भी पाकिस्तान की राजनीति ने आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को देश का हीरो बता दिया है। शहबाज शरीफ सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए सोशल मीडिया पर झूठे दावे फैलाने में जुटी है, जिन्हें आम पाकिस्तानी सच मान बैठे हैं। सबूतों की कमी के बावजूद सरकार अब आसिम मुनीर की ताकत और बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
रिपोर्टों के मुताबिक, पाकिस्तान में अब 27वें संवैधानिक संशोधन के जरिए उन्हें ‘कमांडर ऑफ डिफेंस फोर्सेज’ (CDF) का नया संवैधानिक दर्जा देने का प्रस्ताव संसद में पेश किया गया है। यह पद पास होते ही आसिम मुनीर तीनों सेनाओं थल, जल और वायु के सर्वोच्च कमांडर बन जाएंगे। दिलचस्प बात ये है कि यह प्रस्ताव तब पारित हुए जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ देश में नहीं थे
इसे लेकर अब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। शहबाज ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, अजरबैजान से वापसी पर मुझे जानकारी मिली कि हमारी पार्टी के कुछ सांसदों ने प्रधानमंत्री को विशेष छूट देने से संबंधित एक संशोधन प्रस्तुत किया है।
On my return from Azerbaijan, I have learnt that some Senators belonging to our party have submitted an amendment regarding immunity for the Prime Minister. While I acknowledge their intent in good faith, the proposal was not part of the Cabinet-approved draft. I have… — Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) November 9, 2025
उन्होंने कहा, मैं उनकी नीयत को सकारात्मक मानता हूँ, लेकिन यह प्रस्ताव कैबिनेट द्वारा अनुमोदित मसौदे का हिस्सा नहीं था। इसलिए, मैंने निर्देश दिया है कि इसे तुरंत वापस लिया जाए। एक सिद्धांत के रूप में, निर्वाचित प्रधानमंत्री को न्यायपालिका और जनता दोनों के प्रति पूर्ण रूप से जवाबदेह रहना चाहिए। माना जा रहा है कि शहबाज के इस बयान के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता की स्थिती पैदा हो सकती है। क्योंकि वो ऐसा करके सेना के खिलाफ जाने की कोशिश कर रहे हैं।
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सीडीएफ बनने के बाद आसिम मुनीर को परमाणु हथियारों से जुड़े फैसलों पर भी अधिकार मिल जाएगा। विश्लेषकों का मानना है, यह बदलाव न सिर्फ पाकिस्तान की सत्ता-संरचना में भूचाल लाएगा, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर भी नई चिंताएं खड़ी करेगा। वहीं, इस पद के साथ मुनीर को 30 फीसदी वेतन वृद्धि, लाइफ टाइम सुरक्षा, आवास, विदेश नीति पर सलाहकार भूमिका और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता जैसे विशेषाधिकार भी मिलने की संभावना है।






