मोहम्मद युनुस ने बुलाई सीक्रेट मीटिंग, (डिजाइन फोटो)
ढाका: बांग्लादेश में राजनीतिक माहौल फिर से जोर पकड़ लिया है। यूनुस और सेना प्रमुख के बीच जोरदार विवाद चल रहा है। ऐसी स्थिति में यूनुस सेना प्रमुख को पद से हटाने की कोशिश में हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता और अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने भारत विरोधी दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलायी है, लेकिन इस बैठक में क्या चर्चा होगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। ढाका की गलियों में कहा जा रहा है कि यूनुस आगामी पांच वर्षों तक सत्ता में बने रहना चाहते हैं।
इसी मकसद से उनके समर्थक ‘मार्च फॉर यूनुस’ नामक एक बड़ी रैली आयोजित करने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, सेना प्रमुख की कड़ी चेतावनी और राजनीतिक पार्टियों की असंतुष्टि ने इस राजनीतिक संघर्ष को और भी अधिक दिलचस्प बना दिया है।
यूनुस ने शनिवार को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और जमात-ए-इस्लामी के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें आयोजित की हैं। बीएनपी के एक नेता ने बताया कि यूनुस के कार्यालय ने उन्हें इन बैठकों के लिए बुलाया है। हालांकि, इन बैठकों का वास्तविक उद्देश्य किसी को स्पष्ट नहीं है। लेकिन इन मीटिंग्स को देखकर ऐसा माना जा रहा है कि मोहम्मद यूनुस सत्ता छोड़ने के मूड में नहीं हैं और वह सेना प्रमुख को ही दोषी ठहराकर हटाना चाहते हैं।
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गुरुवार को यूनुस की NCP नेता नाहिद इस्लाम से मुलाकात हुई थी। माना जा रहा है कि दोनों मिलकर सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान को हटाने की योजना बना रहे हैं। नाहिद वह नेता हैं जो भारत विरोधी हैं और जिन्होंने पिछले साल शेख हसीना सरकार के खिलाफ छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया था। यूनुस और नाहिद की यह मुलाकात इन अटकलों को और भी तेज कर रही है।
सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने स्पष्ट रूप से दी है चेतावनी कि बिना चुनाव कराए सत्ता में बने रहना गैरकानूनी होगा। सेना ने यूनुस सरकार को दिसंबर तक चुनाव करवाने की कड़ी चेतावनी दी है। वहीं, यूनुस और उनके समर्थक चुनाव को टालने के लिए सुधारों का हवाला दे रहे हैं।
दूसरी ओर, बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी जैसे राजनीतिक दल जल्द चुनाव कराने के पक्ष में हैं और यूनुस के इस रुख से नाराज हैं। बीएनपी ने चेतावनी दी है कि अगर जल्दी चुनाव की तारीख घोषित नहीं हुई, तो वे यूनुस सरकार का समर्थन वापस ले लेंगे। लेकिन अब यूनुस ने बीएनपी और जमात को ही बैठक के लिए बुला लिया है।